इंदौर। पर्यटकों को किफायती दामों में रहने के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग ने चोरल और पातालपानी के गांवों में भी होम स्टे योजना लागू इन गांवों के घरों को अतिथि निवास बनाया जाएगा, जहां लोग किफायती दामों में रह सकेंगे। इसके लिए गांवों में नए घर बनाए के लिए 2 लाख रुपए और बने हुए घरों को डेकोरेट करने के लिए सवा लाख रुपए तक दिए जाने की योजना है।
विलेज होम स्टे योजना के तहत गांवों के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इसका विस्तार किया गया है। अब इस योजना को विस्तार देने के लिए ग्रामीणों को अनुदान दिया जा रहा है। इंदौर और आसपास के जिलों के एक दर्जन से ज्यादा गांव इस योजना का फायदा ले सकेंगे। अधिकारी स्वयं भी अब इसके लिए पहल कर रहे हैं।
विलेज होम स्टे को मध्यप्रदेश की संस्कृति और ट्राइबल आर्ट के साथ ही वनोपज को बढ़ावा देने और पर्यटकों तक इसे पहुंचाने के लिए शुरू किया गया था। देश-विदेश के पर्यटकों को ग्रामीण अंचल का अनुभव प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने अब इस योजना का विस्तार किया है। पहले चरण में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पास स्थित सौ गांवों को फायदा मिलेगा। इसमें इंदौर के आसपास के कई गांव शामिल होंगे। इंदौर के पास चोरल, पातालपानी के साथ ही मांडू के गावों और झाबुआ-आलिराजपुर के कुछ गांव भी शामिल किए जाने की योजना है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड, ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत इसके लिए ग्रामीणों को मदद देगा। नवीन होम स्टे निर्माण के लिए अधिकतम 2 लाख की राशि और विकसित करने के लिए अधिकतम 1.20 हजार की राशि दी जाएगी।
नर्मदा नदी के किनारे बसे गांवों को फायदा
इंदौर जिले के गांवों के साथ ही आसपास के गांवों को भी इसका फायदा होगा। खलघाट के पास स्थित गांव कसरावद और बालसमंद भी नर्मदा नदी के किनारे पर हैं। यहां भी इस योजना का फायदा ग्रामीण ले सकेंगे। आलीराजपुर का कट्ठीवाड़ा और झाबुआ के कुछ गांव भी इस योजना में शामिल होंगे, तो पर्यटक को अलग संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
-एनके स्वर्णकार, इंदौर रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक
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