इंदौर। जीएसटी विभाग द्वारा लगातार अलग-अलग कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती रही है। इसी कड़ी में एक दर्जन से अधिक कारोबारियों के ठिकानों पर सेंट्रल जीएसटी की टीम ने छापे मारे हैं। ये कार्रवाई राजवाड़ा, रेडीमेड कॉम्प्लेक्स से लेकर रीवर साइड रोड से लेकर अन्य जगह हुई है। हालांकि कई कारोबारियों ने तो छापों की भनक पड़ते ही अपने दुकान-गोदाम बंद कर दिए। कई प्रतिष्ठानों से बड़ी मात्रा में स्टॉक के साथ-साथ संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं। विभाग को अंदेशा है कि बिना बिल का माल खरीदकर बेचा जा रहा है, जिसमें 5 फीसदी जीएसटी की चोरी की जा रही है।
इंदौर में अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े पैैमाने पर दो नम्बर का कारोबार होता है, जिसमें सियागंज में आने वाले ड्रायफ्रूट, मसानों से लेकर अन्य सामग्री तो रहती ही है, वहीं बिल्डिंग निर्माण से जुड़े मटेरियल सहित कपड़ों में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी होती है। इसके अलावा जो लोहे का कारोबार है उस पर तो पूर्व में भी कई छापे मारे जा चुके हैं। मगर अभी भी सैंकड़ों ट्रक सेटिंग के जरिए पहुंच जाते हैं। इसी तरह कलत्ता सहित देश के कई हिस्सों से रेडीमेड कपड़े बड़ी मात्रा में आते हैं जो रीवर साइड से लेकर राजवाड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में मौजूद थोक कारोबारियों द्वारा ऊपर ही ऊपर यानी बिना बिल के बेच दिए जाते हैं। रेडिमेड कपड़ों पर चूंकि 5 फीसदी जीएसटी लगता है, जो कि पूरी तरह से चोरी हो जाता है। लिहाजा जीएसटी विभाग की प्रिवेंटिव टीम ने कल प्रकाश प्लाजा स्थित अशोका ड्रेसेस, हीरा टेक्सटाइल, विनस इंटरप्राइजेस, आरबी टेक्सटाइल के अलावा अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की। कलकत्ता के अलावा बड़े पैमाने पर लुधियाना सहित अन्य स्थानों से भी होजियरी और अन्य गारमेंट्स इंदौर आते हैं। प्रेम नगर में भी कई ठिकानों पर कार्रवाई की गई है। हालांकि अभी तक कुल कितना कर अपवंचन उजागर हुआ इसकी अधिकृत सूचना सेंट्रल जीएसटी द्वारा नहीं दी गई है। मगर सूत्रों का कहना है कि इस छापामार कार्रवाई में जहां बड़े पैमाने पर स्टॉक, कुछ नगदी के अलावा जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं उसकी जांच में लाखों रुपए की कर चोरी उजागर होगी। वैसे तो छापे की इस कार्रवाई को विभाग ने गोपनीय रखा था, मगर मोबाइल के जमाने में तुरंत ही खबर पहुंच जाती है, जिसके चलते कई प्रतिष्ठानों ने अपने गोदामों-दुकानों पर ताले लगाकर भाग खड़े हुए।
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