इंदौर। स्टेट जीएसटी द्वारा लगातार व्यापारिक फर्मों पर छापे डाले जा रहे हैं। पिछले दिनों इंदौर सहित बड़े शहरों के पब और बारों पर भी कार्रवाई की गई। उसके साथ ही बिल्डरों के ठिकानों पर भी छापे डाले और करोड़ों रुपए का टैक्स भी जमा कराया। उसी कड़ी में कल इंदौर के नामी कालोनाइजरों-बिल्डरों के ठिकानों पर भी जीएसटी टीमें पहुंची और ३ करोड़ रुपए से अधिक राशि तो मौके पर ही जमा करवा ली। जीएसटी के अपर आयुक्त रजनी सिंह ने बताया कि इंदौर के कुछ समूहों पर अभी जांच-पड़ताल जारी है। चुघ समूह, सुनील अग्रवाल एसोसिएट व अन्य ग्रुप के खिलाफ जीएसटी की कार्रवाई हुई है।
वहीं कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर खनीज शाखा ने निहालपुर मुंडी में अवैध उत्खनन-भंडारण की कार्रवाई की। अपर कलेक्टर गौरव बैनल के मुताबिक ट्रायकॉन प्रोजेक्ट को 4 करोड़ 40 लाख 32 हजार के जुर्माने का नोटिस भेजा है। दूसरी तरफ जहां डायरियों पर तो कॉलोनी के भूखंड बिके ही,व हीं कुछ बिल्डर रेरा की आंखों में धूल झोंककर फ्लेटों की भी बुकिंग डायरियों पर कर रहे हैं। सर्वे नं. 41/2, निपानिया में 8 मंजिला प्रोजेक्ट स्मार्ट रॉयल में यही गड़बड़ी हुई, जिसका रेरा पंजीयन 1 फरवरी 2024 को हुआ और सालभर पहले फ्लेटों की बुकिंग डायरियों पर कर दी और 30.09.2023 के चेक के साथ बिल्डर ने 29.11.2023 और अन्य तारीखों में लाखों रुपए की नकद राशि भी जमा कर ली। इसके प्रमोटर जेठानंद सतवानी, वासुदेव चेलानी और दिनेश सतवानी हैं। रेरा पंजीयन के वक्त प्रोजेक्ट के सभी 16 फ्लेटों में से किसी भी फ्लेट की बुकिंग और विक्रय नहीं बताया। यानी झूठी जानकारी रेरा को देकर पंजीयन हासिल किया। अब स्मार्ट स्पेस डवलपर्स के इस प्रोजेक्ट के मामले में प्रशासन द्वारा तो कार्रवाई शुरू की ही जा रही है, वहीं रेरा सूत्रों का कहना है कि गलत तथ्यों के आधार पर करवाए पंजीयन को निरस्त भी किया जाएगा। पिछले दिनों कुछ प्रोजेक्टों में रेरा ने इस तरह की कार्रवाई की भी है।
धड़ल्ले से कट रही हैं अवैध कालोनियां…अंकुश लगाने के लिए निगम सेल बनाएगा
शहर में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए अब निगम एक अलग से सेल गठित करने जा रहा है। कल नगर निगम में भवन अनुज्ञा और कालोनी सेल के अफसरों की बैठक ली गई थी। खासकर 29 गांवों में सम्मिलित स्थानों के लेआउट उपलब्ध कराने और कई स्थानों के नक्शे स्वीकृत नहीं होने को लेकर अफसरों से जानकारी ली गई। इसके साथ ही 29 गांवों का रिकार्ड सुरक्षित रखने और इंदौर सुधार न्यास की समस्त कालोनियों के लेआउट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और इंदौर विकास प्राधिकरण से लिए जाने और जिनके रिकार्ड नहीं है, उनकी भी पड़ताल करने को कहा गया है।
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