नई दिल्ली (New Delhi) । भारत (India) की सबसे बड़ी कसीनो चेन डेल्टा कॉर्प (delta corp) को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (Directorate General of GST Intelligence), हैदराबाद से एक नोटिस मिला है। इस नोटिस में 11,139 करोड़ रुपये के टैक्स बकाये का का दावा किया गया है। नोटिस के मुताबिक डेल्टा कॉर्प पर जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान ब्याज और जुर्माने के साथ 11,139 करोड़ रुपये की टैक्स बकाया है। ये रकम जांच अवधि के दौरान कसीनो में खेले गए सभी गेम्स के ग्रॉस बेटिंग वैल्यू पर आधारित है।
क्या कहा कंपनी ने
दिग्गज कंपनी का कहना है कि यह नोटिस और टैक्स की मांग मनमाना और कानून के विपरीत है। डेल्टा कॉर्प ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी ऐसी टैक्स मांग और संबंधित कार्यवाही को चुनौती देने के लिए उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का पालन करेगी।
अब 28% टैक्स लगेगा
हाल में जीएसटी काउंसिल ने कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28% टैक्स को बरकरार रखा है। यह टैक्स दर 1 अक्टूबर, 2023 से प्रभावी होने की संभावना है और कार्यान्वयन की तारीख से छह महीने के बाद कराधान की समीक्षा के लिए जीएसटी काउंसिल फिर से बैठक करेगी। दूसरी ओर, गेमिंग कंपनियों को नए 28% जीएसटी टैक्स का असर महसूस होने लगा है और गेमिंग ऐप मोबाइल प्रीमियर लीग ने पिछले महीने कहा था कि वह टैक्स से बचने के लिए 350 कर्मचारियों की छंटनी करेगा। सरकार द्वारा जुलाई में नए 28% जीएसटी प्रस्तावित करने के बाद से डेल्टा कॉर्प के शेयरों में लगभग 29% की गिरावट आई है।
एलआईसी नोटिस के खिलाफ करेगी अपील
इस बीच, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शुक्रवार को कहा कि वह जीएसटी प्राधिकरण, पटना से मिले 290 करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस के खिलाफ अपील दायर करेगी। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि बिहार के अतिरिक्त राज्य कर आयुक्त (अपील), पटना ने ब्याज एवं जुर्माने के साथ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के भुगतान की मांग की है।
इस नोटिस के खिलाफ एलआईसी जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष तय समय के भीतर अपील दायर करेगी। जीएसटी अधिकारियों ने एलआईसी पर बीमाधारकों से प्रीमियम अदायगी पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को नहीं लौटाने और कुछ अन्य उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।
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