नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर परिषद यानी GST Counsil की 54वीं बैठक (meeting) आज होने वाली है और इसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. इनमें सबसे अधिक चर्चा डेबिट (Debit) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से 2,000 रुपये तक के छोटे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (Online Transaction) के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटर्स (Payment Aggregators) पर 18% जीएसटी लगाने पर विचार किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो फिर Debit-Credit Card से पेमेंट करना महंगा हो सकता है.
GST फिटमेंट पैनल का सुझाव
बिजनेस टुडे पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे संकेत मिले हैं कि GST Counsil की बैठक में जीएसटी फिटमेंट पैनल ने यह तर्क पेश किया है कि पेमेंट्स एग्रीगेटर ट्रांजैक्शंस के लिए मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं और इसलिए उन्हें बैंकों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए. मतलब फिटमेंट पैनल इन PAs पर जीएसटी लगाने के पक्ष में है. बता दें कि फिलहाल, पेमेंट्स एग्रीगेटर्स को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेन-देन पर जीएसटी से छूट दी गई है.
80% पेमेंट्स 2000 रुपये से कम
भारत में कुल डिजिटल पेमेंट्स में से 80 फीसदी से ज्यादा ट्रांजैक्शंस न 2,000 रुपये से कम मूल्य के होते हैं. 2016 में की गई नोटबंदी (Demonetisation) के दौरान सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पेमेंट्स एग्रीगेटर्स को इन लेनदेन पर व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स लगाने से रोका गया था. एग्रीगेटर अभी व्यापारियों से प्रति ट्रांजैक्शन 0.5% से 2% तक शुल्क वसूलते हैं. ऐसे में अगर इन छोटे पेमेंट्स पर GST लागू होता है, तो फिर इसके बाद पेमेंट्स एग्रीगेटर्स इस अतिरिक्त लागत को व्यापारियों पर डाल सकते हैं.
छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा बड़ा असर
अगर GST Counsil की आज होने वाली बैठक इन 2000 रुपये से कम के छोटे लेन-देन पर 18 फीसदी टैक्स लागू करने को लेकर कोई फैसला होता है, तो फिर ये सबसे ज्यादा छोटे व्यापारियों को प्रभावित कर सकता है, जो अक्सर कम मूल्य के ट्रांजैक्शंस पर निर्भर होते हैं. जबकि, बड़े लेन-देन में लगे व्यापारियों के लिए भुगतान गेटवे शुल्क (Payment Gateway) पर प्रस्तावित अतिरिक्त 18% कर बहुत अधिक वित्तीय बोझ नहीं डाल सकता है.
क्या UPI पेमेंट्स पर पड़ेगा असर?
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) वर्तमान में Digital Payment का सबसे पॉपुलर जरिया है, खासकर छोटे लेन-देन के लिए, वित्त वर्ष 2024 में यूपीआई ट्रांजैक्शंस में जबर्दस्त 57% सालाना बढ़ोतरी देखने को मिली है और लेन-देन का आंकड़ा 131 अरब रुपये से अधिक रहा. खास बात ये है कि छोटे ट्रांजेक्शन के मामले में यूपीआई के जरिए पेमेंट करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. अगर GST लगाया भी जाता है, तो अतिरिक्त रकम सिर्फ डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड व नेट बैंकिंग द्वारा किए गए पेमेंट पर ही देनी होगी.
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