नई दिल्ली । चंडीगढ़ (Chandigarh) में चल रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में कैसिनो, ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और लॉटरी पर 28 प्रतिशत जीएसटी (GST ) लगाने के फैसले को फिलहाल टाल दिया गया है, यह जानकारी बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने दी है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में अभी और मंथन चल रहा है।
उन्होंने कहा है कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Chief Minister Conrad Sangma) के नेतृत्व वाली ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को कहा गया है कि वे इस मामले में सभी स्टेकहोल्डर्स से इन चीजों की वैल्यूएशन मैकेनिज्म पर बात कर अपनी रिपोर्ट 15 जुलाई तक सौंपें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बातें चंडीगढ़ में चल रही जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही है।
आपको बता दें कि कैसिनो और ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) पर जीएसटी बढ़ाने के लिए काउंसिल की दो दिनों की बैठक के दौरान ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट पर चर्चा की गई पर गोवा और कुछ और राज्यों के यह कहने पर कि इस पर और विचार किया जाना चाहिए अंततः इस पर अंतिम फैसला टाल दिया गया है।
गौरतलब है कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान यह सुझाया था कि ऑनलाइन गेमिंग और इसे खेलने के लिए दिए जाने वाले सब्सक्रिप्शन फी पर अधिकतम जीएसटी चार्ज की जानी चाहिए। जीओएम ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि इस बात पर भेदभाव नहीं होना चाहिए कि फलां ‘गेम ऑफ स्किल’ है और फलां ‘गेम ऑफ चांस’। सभी ऑनलाइन गेमिंग पर समान रूप से 28 प्रतिशत जीएसटी चार्ज की जानी चाहिए।
राज्यों को मुआवजा देने पर भी नहीं हो सका फैसला
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद पुडुचेरी के वित्त मंत्री के लक्ष्मीनारायणन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया है कि बैठक के दौरान लगभग सभी राज्यों ने मुआवजे के मैकेनिज्म को विस्तारित करने की मांग की थी, पर इस बैठक में इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है।
आपको बता दें कि जब जीएसटी लागू किया गया था तब राज्यों को जून 2022 तक नुकसान से बचाने के लिए मुआवजा देने का एलान किया गया था। इसकी अवधि इस महीने में समाप्त हो रही है। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान लगभग 12 राज्यों ने मुआवजे की व्यवस्था को आगे जारी रखने की मांग की थी, पर इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है। उम्मीद है कि इस पर अब अगली बैठक में फैसला लिया जाएगा।
इस बारे में निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई राज्य ये भी चाहते हैं कि वे इस मामले में अपने पांव पर खड़े हों। इस मामले में अभी फैसला नहीं हुआ है, इस पर अगली बैठक में फिर चर्चा की जाएगी।
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