डेस्क: जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक से आम लोगों को काफी उम्मीद थी, लेकिन मीटिंग के बाद सामने आए फैसलों से आम लोगों को बड़ी निराशा हाथ लगी है. दरअसल जीएसटी काउंसिल की इस बैठक से उम्मीद की जा रही थी कि, सरकार टर्म इंश्योरेंस पर GST की दरों को घटा सकती है, लेकिन वित्त मंत्री और मंत्री समूह के GMO ने इस मुद्दे पर सहमति नहीं बनने की वजह से इसे अगली मीटिंग तक के लिए टाल दिया.
टर्म इंश्योरेंस लंबे समय के लिए लिया जाता है. इसका प्रीमियम सालाना, क्वाटर्ली और मंथली बेस पर दिया जाता है. फिलहाल की GST दरों के अनुसार टर्म इंश्योरेंस लेने पर उसके प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ता है. आपको बता दें टैक्स की इतनी ज्यादा दरों की वजह से भी बहुत से लोग टर्म इंश्योरेंस खरीदने से बचते हैं.
जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक से आम लोगों को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मंत्री समूह टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 फीसदी GST को घटाकर 5 फीसदी कर सकती हैं. अगर ऐसा होता तो लोगों को महंगाई की मार से थोड़ी राहत मिलती.
टर्म इंश्योरेंस एक ऐसा जीवन बीमा प्रोडक्ट है, जो किसी व्यक्ति को निश्चित अवधि (जैसे 10, 20, या 30 साल) के लिए कवर प्रदान करता है. यह बीमा योजना जीवन सुरक्षा का सबसे सस्ता और सरल तरीका है. इसमें व्यक्ति के निधन की स्थिति में उनके परिवार को बीमित राशि दी जाती है, लेकिन अगर बीमित व्यक्ति उस अवधि तक जीवित रहता है, तो कोई राशि वापस नहीं मिलती.
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