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    जीएसटी मुआवजे पर 21 राज्‍यों ने किया पहले विकल्‍प का चुनाव

  • September 21, 2020

    नई दिल्‍ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को लेकर चल रहे विवाद में विपक्षी राज्य अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं। सूत्रों ने सोमवार को बताया कि 21 राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पहले विकल्प यानी 97 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जबकि विपक्षी शासित राज्यों ने केंद्र का कोई प्रस्ताव अभी तक स्वीकार नहीं किया है।

    गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में मुआवजे को लेकर राज्यों को केंद्र ने दो विकल्प दिए थे, जिसमें राज्यों को एक हफ्ते के अंदर अपनी राय सरकार को देनी थी। लेकिन, अभी तक सभी राज्यों ने अपनी सहमति केंद्र को नहीं दी है। सूत्रों ने बताया कि 21 राज्‍यों ने अपनी सहमति दी है। वहीं, एक-दो दिन में बाकी बचे हुए अन्‍य राज्य भी अपने विकल्प के बारे में वित्त मंत्रालय को सूचित कर सकते हैं।

    वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश, गुजरात, असम, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, नगालैंड, ओडिशा, पुडुच्चेरी, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, उत्‍तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश जैसे 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले विकल्प पर अपनी सहमति दे दी है। सूत्रों ने बताया कि मणिपुर ने पहले दूसरे विकल्प का चुनाव किया था, लेकिन उसने भी बदलाव करते हुए पहले विकल्प को चुन लिया है।

    उल्‍लेखनीय है कि विपक्ष शासित राज्य पहले दिन से ही सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। इनमें झारखंड, केरल, महाराष्‍ट्र, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने अभी तक जीएसटी काउंसिल के दिए गए प्रस्तावों का कोई जवाब अभी नहीं दिया है। ऐसे में उन राज्‍यों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। क्‍योंकि, जीएसटी काउंसिल का बहुमत भी सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करता दिख रहा है।

    जीएसटी को जुलाई 2017 में लागू किया गया था। जीएसटी नियम के मुताबिक राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करती है। जीएसटी लागू करते समय आधार वर्ष 2015-16 को मानते हुए यह तय किया गया कि राज्यों को पहले 5 साल तक उन्हें होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान की भरपाई की जाएगी। जीएसटी कानून के तहत केंद्र सरकार राज्यों को जुलाई, 2022 तक किसी भी तरह के राजस्व की नुकसान के लिए मुआवजा देगी। ज्ञात हो कि चालू वित्‍त वर्ष में कोविड-19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन से जीएसटी संग्रह में बड़ी गिरावट आई है। (एजेंसी, हि.स.)

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