नई दिल्ली। देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) कानून के लागू हुए करीब सात साल हो गए हैं। इसे एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था, जिसमें 17 स्थानीय करों और शुल्कों को शामिल किया गया था। जीएसटी के आने के बाद पिछले करीब सात साल में कई ऐसे उत्पादों (Products) और सेवाओं (Services) पर से कर हटाया गया है, जिनका इस्तेमाल गरीब और आम (poor and common) लोग करते हैं। इससे न सिर्फ घरेलू उपयोग की वस्तुएं सस्ती हुई हैं बल्कि आम लोगों पर कर का बोझ घटा है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के आंकड़ों के मुताबिक, छाछ-दही (पैकेट वाले नहीं), आटा, कॉस्मेटिक, टेलीविजन, मोबाइल फोन और रेफ्रिजरेटर जैसी वस्तुएं जीएसटी लागू होने के तत्काल बाद सस्ती हो गईं। इससे परिवारों की आमदनी पर दबाव कम हुआ और बचत में इजाफा हुआ है।
वस्तु पूर्व जीएसटी दर बाद की जीएसटी दर
आटा 3.5% 0%
छाछ-दही 4.0% 0%
कॉस्मेटिक्स 28% 18%
डिटर्जेंट 28% 18%
शहद 6.0% 0%
मोबाइल फोन 31.3% 18%
इलेक्ट्रिक अप्लायंस 31.3% 18%
पंखा-वाटर कूलर 31.3% 18%
फर्नीचर 31.3% 18%
हेयर ऑयल, साबुन, 27% 18%
एलपीजी स्टोव 21% 18%
जारी रहेगी सुधारों की यात्रा: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारे लिए ये सुधार 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने के साधन हैं। जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू उपयोग की वस्तुएं काफी सस्ती हो गई हैं। इससे गरीब और आम आदमी को काफी बचत हुई है। हम लोगों के जीवन को बदलने के लिए सुधारों की इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
‘जीएसटी चुकाने वालों का जीवन आसान बनाने का लक्ष्य’
जीएसटी की नई दरें लागू करने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘मैं करदाताओं को आश्वस्त करना चाहती हूं कि हमारा इरादा जीएसटी भुगतान करने वालों का जीवन आसान बनाने का है। हम न्यूनतम अनुपालन की दिशा में काम कर रहे हैं।’
अगले साल से सीसीआई नहीं करेगा मुनाफाखोरी-रोधी आवेदन पर फैसला
जीएसटी परिषद ने मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधानों के तहत करदाताओं को बड़ी राहत देने की योजना बनाई है। परिषद ने सिफारिश की है कि एक अप्रैल, 2025 से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) मुनाफाखोरी-रोधी से जुड़ा कोई भी नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे मामलों को सीसीआई से जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा, जो मामले पहले दर्ज किए जा चुके हैं, उनकी सुनवाई जारी रहेगी और उन पर फैसला किया जाएगा। मौजूदा मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधानों के तहत उद्योग द्वारा मूल्य वृद्धि के मामले में हमेशा विवाद की आशंका थी। भले ही यह लागत में वृद्धि या किसी और कारण से हो। जीएसटी के लागू हुए सात साल हो गए हैं। ऐसे में मूल्य निर्धारण बाजार की ओर से होना चाहिए, न कि कानून के जरिये।
सरकार और सुधार के लिए प्रतिबद्ध : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जीएसटी से घरेलू वस्तुओं की कीमतों को कम करने में मदद मिली है।साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की सराहना की।
शाह ने कहा कि राजग सरकार नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए और अधिक सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के आंकड़ों के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद आटा, सौंदर्य प्रसाधन, टेलीविजन और रेफ्रिजरेटर सहित ज्यादातर घरेलू सामान सस्ते हुए हैं। शाह ने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, जनता की सरकार के सिद्धांतों पर खरा उतरते हुए पीएम मोदी ने जीएसटी लागू किया। जीएसटी ने लोगों को बहुस्तरीय कर प्रणाली से राहत दी है। गौरतलब है कि जीएसटी में 17 स्थानीय कर और शुल्क को समाहित कर इसे एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया।
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