संत नगर। जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के दुष्परिणामों को रोकने के लिए 10 दिन का लॉक डाउन तो कर दिया लेकिन निर्धन वह रोज कमाकर रोज खाने वाले गरीबों को भोजन के लिए आवश्यक सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी अदा नहीं की है। यहां पर सभी आटा चक्की बंद हैं जिसके परिणाम स्वरूप निर्धन जरूरतमंद लोग राशन से मिला गेहूं पिसवाने की व्यवस्था न होने पर उसे उबालकर खाने पर मजबूर हो गए हैं। यहां की राशन दुकानों पर भी लंबी लंबी कतारें लगी हुई है। आसपास की सभी सब्जी मंडिया बंद होने से सब्जियों का भी अकाल पड़ गया है जो सब्जी पहले 10 से 15 रुपए किलो मिलती थी। अब वह 50 से 80 रुपए किलो तक बिक रही है जिसे खरीदना गरीब लोगों की हैसियत में भी नहीं है। यहां पर चंद ठेलों पर ही गिनी- चुनी सब्जिया महंगे दामों पर बिक रही हैं। टमाटर 80 से 100 रुपए किलो तथा आलू 40 से 45 रुपए किलो बिक रहे हैं।
इनका कहना है कि
जोनल अधिकारी का कहना है कि एक वार्ड मे केवल दो सब्जी वालों को परमिशन दी गई है। यह संख्या बेहद कम है कम से कम एक वार्ड में 8 सब्जी वालो को परमिशन देना चाहिए। उन दो सब्जिवालों द्वारा भी मनमाने दाम पर सब्जियां बेची जा रही हैं और नागरिक लुट रहे हैं। पहले ही नागरिक व्यापार न होने के कारण परेशान है।
महेश खटवानी, वरिष्ठ भाजपा नेता संत नगर
राशन की दुकान सरकार ने खोलकर अच्छा काम किया है लेकिन आटा चक्किया भी खोली जाए ताकि लोग गेहूं पिसवाकर कम से कम प्याज से रोटी रोटी खाकर भोजन तो कर ले।
मिथिलेश गुप्ता,वरिष्ठ भाजपा नेता
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