इंदौर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के सदस्य कल इंदौर पहुंचे और उन्होंने कलेक्टर कार्यालय (collector’s office) पर एक बैठक भी ली, जिसमें स्वच्छता, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से लेकर वायु प्रदूषण और अन्य मामलों में जो इंदौर (Indore) में काम हुआ, उसकी उन्होंने जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि वे वर्षों पहले जब इंदौर आए थे, तब सडक़ों के किनारे कचरे के ढेर, जिन पर मक्खियां भिनभिनाती थीं, मगर अब तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है और चारों तरफ शहर चकाचक नजर आता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद (Dr. Afroz Ahmed) ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह एवं जिले के समस्त प्रशासनिक टीम (entire administrative team) बधाई की पात्र हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए जा रहे हैं। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल (Pratibha Pal) ने वर्ष 2015 के मई माह से स्वच्छता हेतु अपनाए गए विभिन्न मॉडलों का उल्लेख किया। बैठक में यह भी बताया गया कि इंदौर की वायु गुणवत्ता (air quality) को सुधारने के लिए किस तरह से प्रमुख उत्सर्जन क्षेत्रों की पहचान की गई। जिन उद्योगों से अधिक उत्सर्जन होता था, उन्हें कोयले की जगह सीएनजी का उपयोग (use of cng) करने की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि इंदौर के कोल आधारित 163 उद्योगों में से 43 उद्योग सीएनजी का उपयोग कर रहे हैं और बाकी उद्योग भी इसी दिशा में प्रगतिरत है। इसी तरह इंदौर में ई-व्हीकल्स के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इंदौर के सभी होटल भी कोल की जगह सीएनजी का उपयोग कर रहे हैं। इन सभी प्रयत्नों से इंदौर की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। कलेक्टर सिंह एवं आयुक्त पाल ने इंदौर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट हेतु किये गये सभी प्रयासों को विस्तृत रूप से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के सदस्य डॉ. अहमद को बताया।
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