नई दिल्ली: बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. साल 2022-23 के लिए बजट (Union Budget 2022) पेश होने में एक महीने से भी कम का समय है. इस बार के बजट से नौकरीपेशा लोगों को काफी उम्मीदें हैं. अलग-अलग सेक्टर्स से डिमांड भी आनी शुरू हो गई हैं. इस बार सबसे ज्यादा उम्मीदें टैक्सपेयर्स को है. पिछले कई साल से सरकार की तरफ से टैक्स स्लैब में खास बदलाव नहीं हुआ है. सूत्रों का दावा है कि इस बार के बजट में टैक्सपेयर्स को राहत मिल सकती है.
रियलएस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बूस्ट देने की तैयारी
इस बार के बजट में पीपीएफ की निवेश सीमा बढ़ाने से लेकर होम लोन के ब्याज पर भी अतिरिक्त छूट का लाभ बरकरार रह सकता है. सरकार कोरोना महामारी के दौरान मंदी से गुजर रहे रियलएस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बूस्ट देने की तैयारी है. ऐसे में होम लोन पर मिलने वाली अतिरिक्त टैक्स छूट को बरकरार रखा जा सकता है.
फिर बरकरार रह सकती है अतिरिक्त टैक्स छूट
सूत्रों की मानें तो सरकार यूनियन बजट 2022 (Union Budget 2022) में अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त छूट को एक साल के लिए और बढ़ा सकती है. आपको बता दें कि सेक्शन 80EEA के तहत 45 लाख रुपये के मकान पर 1.5 लाख रुपये की होम लोन के ब्याज चुकाने पर अतिरिक्त छूट मिलती है.
होम लोन पर मिलती है इतनी छूट
फिलहाल होम लोन लेने वालों को अलग-अलग सेक्शन के तहत 5 लाख रुपये तक के भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है. घर खरीदार को 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के लोन प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट दी जाती है.
इसके अलावा सेक्शन 24B में होम लोन के ब्याज पर हर साल 2 लाख रुपये तक की रकम पर टैक्स छूट मिलती है. अफोर्डेबल हाउसिंग के अंतर्गत पहला मकान खरीदने वालों को सेक्शन 80EEA के तहत 45 लाख रुपये तक के घर के होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट दी जाती है.
Section 80EEA: 1.5 लाख रुपये का एक्स्ट्रा डिडक्शन
बजट 2019 में मोदी सरकार की तरफ से इनकम टैक्स एक्ट में 80EEA नए सेक्शन के तौर पर जोड़ा गया था. इस सेक्शन के तहत सरकार ने होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का प्रावधान किया था. रियलएस्टेट सेक्टर को धार देने के लिए सरकार ने यह फैसला एक साल के लिए लिया था.
यानी इसका फायदा उन्हीं होम बॉयर्स को मिला था जिन्होंने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच होम लोन लिया हो. लेकिन, बजट 2020 में इसकी डेडलाइन को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया. इसी तरह, बजट 2021 में इसे एक साल का एक्सटेंशन मिला. अब सूत्रों का दावा है कि सरकार इस साल भी इस छूट को अगले एक साल के लिए बढ़ा सकती है.
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