होशंगाबाद। रातभर से हो रही मूसलादार बारिश और तवा, बरगी और बारना बांध के गेट खुले रहने से होशंगाबाद जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं। नर्मदा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। शनिवार अलसुबह से ही सेठानीघाट पर कालेमहादेव को स्नान कराया। निचली बस्तियों महिमा नगर, बंगाली कॉलोनी, नारायण नगर पीलीखंती सहित तटीय गांवों में बारिश-बाढ़ का पानी भरा रहा है। बैक वाटर आना शुरू हो गया है। सुबह सात बजे नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान 967 फीट से ऊपर 970.20 फीट पर पहुंच गया। इधर, तवा डेम के 13 गेटों की ऊंचाई बढ़ाकर 32 फीट कर दी गई है। इसमें से 5 लाख 73 हजार क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा रहा है।
इन बस्तियों में बाढ़ का खतरा
शहर में नर्मदा का जल स्तर 968 फीट पहुंचते ही शनिचरा वार्ड, जगदीशपुरा, भीलपुरा, लेंडिया नाला और 970 फीट पर आदमगढ़, संजय नगर, ग्वालटोली, बंगाली कॉलोनी में बाढ़ की स्थिति बननी शुरू हो गई है। महिमा नगर, बंगाली कॉलोनी निचली बस्तियों के लोगों को प्रशासन के दल ने बसों से नर्मदा कॉलेज राहत शिविर में पहुंचाया है। 975 फीट जल स्तर आने पर फेफरताल, कोरीघाट, झंडा चौक और 980 फीट पर बीटीआई, एसपीएम गेट, नारायण नगर में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
यह है सुबह सात बजे जल स्तर
सेठानीघाट पर नर्मदा का जल स्तर सुबह 7 बजे 970.20 फीट पहुंच गया। इधर, तवा डेम का जल स्तर 1166.10 फीट, बरगी डेम का 422.35 मीटर एवं बारना डेम का जल स्तर 348.16 मीटर पर चल रहा है।
67 गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा
होशंगाबाद, बाबई, सेमरी सहित सोहागपुर, डोंगरवाड़ा, बरंडुआ सहित 67 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। यह सभी गांव डूब प्रभावित हैं। होमगार्ड, एसडीआरएफ के दल सहित प्रशासन का अमला तटीय गांवों का भ्रमण कर लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर वाहनों से एनाउंस कर पहुंचने की अपील कर रहा है।
सभी रास्ते हुए बाधित, पुलिया-नाले उफान पर
जिले में बैतूल, हरदा और पिपरिया के रास्ते पुलिया, नालों के ऊफान पर आने से बंद हो गए हैं। चारों तरफ का आवागमन बाधित चल रहा है। भारी बारिश के चलते शनिवार सुबह सब्जी मंडी नहीं लग सकी है। मुख्यालय का संपर्क गांवों से टूट गया है। शहर के मुख्य बाजार हलवाई चौक, जयस्तंभ चौक में जल भराव जारी है।
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