भोपाल। मप्र के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने ईडी से मिले नोटिस पर अपना जवाब दिया। पीसीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर डॉ. गोविन्द सिंह ने अपना पक्ष रखा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुझे डाक के जरिए 13 जनवरी को ईडी दिल्ली ने एक समन भेजा। मुझे 24 जनवरी को जब वह समन मिला तो उसमें कोई कारण नहीं लिखा था। सिर्फ 27 जनवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली ईडी के दफ्तर में पेश होने को कहा गया था। मैंने अपने वकीलों कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा से राय ली तो उन्होंने भी कहा कि ऐसा नोटिस पहले कभी नहीं देखा, जिसमें कोई कारण बताए बिना बुलाया गया हो। डॉ गोविन्द सिंह ने कहा- चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मनोबल गिराने के लिए ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं ने अपना काम शुरू कर दिया है। हम डरने वाले नहीं हैं। हम इस मामले को लेकर ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमारे वकील इसकी तैयारी कर रहे हैं। पीसीसी में मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा- कि मप्र में नवंबर-दिसंबर में चुनाव हैं। इसलिए मप्र सरकार के इशारे पर कांग्रेस के नेताओं को ईडी परेशान और प्रताडित करने का काम कर रही है। मैं खेती, किसानी करने वाला आदमी हूं।
विपक्षी नेताओं को बुलाकर बेइज्जत करती है ईडी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ईडी का काम आर्थिक मामलों से जुडे अपराधों में कार्रवाई करने का होता है लेकिन आज यह संस्था भाजपा के एजेंट बनकर काम कर रही है। कई मामलों में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर बेवजह ईडी कूद जाती है। भाजपा के नेताओं के इशारे पर ईडी कांग्रेस नेताओं पर हमले करने शुरु कर दिए हैं। ताकि कांग्रेस नेता बीजेपी सरकार के कारनामे उजागर करना बंद कर दें। विरोधी दल के नेताओं को दफ्तर में दिन भर बिठालना, दो घंटे बाद कोई आता है कि चाय पियोगे। सुबह से रात तक बिठाकर सिर्फ परेशान करने का काम ईडी ने किया है।
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