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    राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत नहीं, ममता बनर्जी ने क्यों कही ये बड़ी बात

  • September 07, 2023

    कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) ने एक अप्रैल, पोइला बैसाख (Poila Baisakh) को बंगाल दिवस मनाने और ‘बांग्लार माटी बांग्लार जल’ को राज्य की गीत बनाने के प्रस्ताव पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंजूरी दे दी है. राज्य के सत्तारूढ़ दल टीएमसी (Ruling party TMC) की ओर से विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 167 वोट पड़े, जबकि विरोध में 62 वोट पड़े. हालांकि, वोटिंग के बाद बीजेपी विधायक विधानसभा हॉल से बाहर चले गए. सत्र के अंत में सत्ता पक्ष के विधायकों ने प्रस्तावित राज्यगीत एक सुर में गाया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) ने भी उनके सुर में सुर मिलाया.

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “अगर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो भी 1 बैशाख को बंगाल दिवस मनाया जाएगा.” उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं पता कि हमारा समर्थन कौन करेगा, लेकिन हमें उस दिन को बंगाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा.” मुख्यमंत्री को संबोधित करने के लिए खड़े हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, ‘राज्यपाल इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.’ इस संदर्भ में उन्होंने राज्य का नाम बदलने और विधान परिषद के गठन संबंधी प्रस्ताव का भी जिक्र किया.


    मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल पोइला बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में हस्ताक्षर नहीं करेंगे. मैं कहना चाहती हूं कि अगर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. विधानसभा हॉल में खड़े होकर ममता बनर्जी ने स्पीकर के सामने चुनौती भरे लहजे में कहा, ”मैं देखूंगी कि किसके पास ज्यादा ताकत है?” क्या जनता अधिक शक्तिशाली है, या राज्यपाल, निर्वाचित लोग अधिक शक्तिशाली हैं? उन्होंने यह भी कहा, “अगर राज्यपाल का नाम नहीं आया होता तो मैं ऐसा नहीं कहती”

    बता दें कि पश्चिम बंगाल दिवस कब आयोजित किया जाना चाहिए, इस पर ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि क्या बंगाल के लिए ‘राज्य संगीत’ बनाया जा सकता है. उस दिन बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जल’ गीत को बंगाल के राज्य गान के रूप में प्रस्तावित किया था. हालांकि बैठक में कई प्रमुख लोगों ने कई अन्य प्रस्ताव भी रखे. बीजेपी फिर चाहती है कि 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस मनाया जाए. इस दिन विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ’20 जून पश्चिम बंगाल दिवस’ लिखी ड्रेस पहनकर आए थे.

    शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा में खड़े होकर कहा, ”20 जून को सभी राज्यों के राजभवनों में पश्चिम बंगाल दिवस मनाया जा चुका है. हम प्रधानमंत्री को लिखेंगे ताकि भारत सरकार राष्ट्रीय स्तर पर बंगाली हिंदुओं की रक्षा के लिए इस 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में मनाए. ” राज्य में बंगाल दिवस क्यों होगा, इस सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अन्य राज्यों के स्थापना दिवस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जिन्होंने आजादी में हिस्सा नहीं लिया वो आजादी की बात कर रहे हैं. दूसरी ओर भाजपा ने 20 जून को बंगाल दिवस के रूप में मनाने की मांग की. भाजपा के विधायक शंकर घोष ने कहा कि 20 जून के अलावा किसी अन्य दिन को बंगाली दिवस के रूप में सोचना संभव नहीं है.

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