नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के पूर्व डीजीपी वीरेंद्र को राज्य के नया मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया है. सोमवार को राजभवन में राज्यपाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त वीरेंद्र को मुख्य सूचना आयुक्त के पद की शपथ दिलाई है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पूर्व पुलिस महानिदेशक को मुख्य सूचना आयुक्त बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है.
शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को किए ट्वीट में वीरेंद्र को मुख्य सूचना आयुक्त बनाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. बता दें कि इसके पहले मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में बैठक की थी, लेकिन शुभेंदु अधिकारी उस बैठक में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि नियुक्ति पूर्व निर्धारित है, तो फिर बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है.
राज्यपाल ने पूर्व डीजीपी को मुख्य सूचना आयुक्त की दिलाई शपथ
सोमवार को बंगाल राजभवन की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया, “सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (2005 की संख्या 22) की धारा 15 की उप-धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने श्री वीरेंद्र, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, पश्चिम बंगाल सूचना आयोग के रूप में 3 (तीन) वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया है, जिस दिन वह अपने कार्यालय में प्रवेश करते हैं या जब तक वह 65 (पैंसठ) वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते ) वर्ष, जो भी पहले हो.राज्यपाल ने आज राजभवन में श्री वीरेंद्र, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, पश्चिम बंगाल सूचना आयोग के पद की शपथ दिलाई.”
The selected person was the former DG of WB Police, who was removed from his position by the Election Commission ahead of the 2021 Assembly Elections & was barred from holding any election related post as he was inclined towards the ruling party.
This appointment is unfortunate.— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) April 10, 2023
शुभेंदु अधिकारी ने नियुक्ति को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, राज्यपाल से टकराव
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने वीरेंद्र की नियुक्ति पर ट्वीट करते हुए लिखा, “राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए सिफारिश करते हुए समिति के एक सदस्य के रूप में, मैंने आपत्ति उठाई क्योंकि रिक्त पद को भरने के संबंध में जानकारी अच्छी तरह से प्रसारित नहीं की गई थी. फिर भी राज्यपाल नियुक्ति के साथ आगे बढ़ रहे हैं. चयनित व्यक्ति बंगाल पुलिस के पूर्व डीजी थे, जिन्हें 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग द्वारा उनके पद से हटा दिया गया था और उन्हें चुनाव संबंधी किसी भी पद पर रहने से रोक दिया गया था, क्योंकि उनका झुकाव सत्ताधारी पार्टी की ओर था. यह नियुक्ति दुर्भाग्यपूर्ण है.”
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