भोपाल। मप्र सरकार ने सभी अधिकारियों को नए साल से पहले ही फरमान जारी कर दिया है कि 31 जनवरी तक वे अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे दें। सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक ने निर्देश जारी किया है। निर्देश के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं के मप्र कॉडर के सभी अधिकारियों को अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा डीओपीटी को ऑनलाईन प्रस्तुत करना होगा। अगर किसी ब्यूरोक्रेट्स ने नियमित तौर से अपनी अचल संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, तो उसे अब 11 साल का ब्यौरा देना पड़ेगा। जिस विंडो पर आईपीआर भरी जाती है, वह खुली रहेगी। अफसरों को परिजनों द्वारा जुटाई गई संपत्ति का ब्यौरा भी देना होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि जो अधिकारी अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करते है उनकी अगले वेतनमान में पदोन्नति इसके कारण प्रभावित हो सकती है। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह भी कहा है कि ऑनलाईन प्रस्तुत किये गए अचल सम्पति के विवरण पत्रक की अलग से मैन्युअली कॉपी प्रिंट आउट या हार्ड कॉपी अब सामान्य प्रशासन विभाग या डीओपीटी को भेजने की जरुरत नहीं है। यदि मध्यप्रदेश कॉडर का कोई आईएएस अधिकारी एक जनवरी से 31 जनवरी के बीच अपनी अचल सपत्ति का ब्यौरा देने में असमर्थ है तो इसके लिए वैधानिक कारण का उल्लेख कर वह इसके लिए अनुमति लेकर बाद में अपनी सपत्ति का व्यौरा दाखिल कर सकेगा।
परिजनों की अचल संपत्ति की जानकारी भी जरूरी
आईएएस अधिकारी की पिछले साल तक अर्जित कुल संपत्ति के बाद खरीदी या बेची गई सपति का ब्यौरा इसमें स्वयं के नाम से खरीदी या लीज पर ली गई संपत्ति का ब्यौरा तो देना ही है साथ ही अपने परिवार के सदस्यों, पत्नी, उन पर आश्रित बच्चों या अन्य किसी के नाम से खरीदी गई अचल संपत्ति का ब्यौरा भी देना है। इसमें उन्हें यह जानकारी भी देना है कि संपत्ति खरीदने या लीज पर लेने के पहले उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक से इसकी विधिवत अनुमति लेकर संपत्ति खरीदी या लीज पर ली है या नहीं। यदि पारिवारिक संपत्ति वसीयत में उसे उस वर्ष में प्राप्त हुई है। कोई संपत्ति उसे पारिवारिक सदस्यों द्वारा या किसी अन्य के द्वारा दान में मिली है तो उसकी जानकारी भी देना होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved