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    Government की नई Tention… गांवों में बिना सरपंच के कैसे हटेगा संकट

  • May 11, 2021

    • राज्य शासन ने जारी किए गांवों में संकट प्रबंधन समूह गठित करने के निर्देश

    भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona infection) अब शहरों से ज्यादा गांवों की ओर फैल रहा है। जिससे सरकार (Government) बेहद चिंतित है। यही वजह है कि राज्य शासन ने आनन-फानन में कोरोना नियंत्रण (Corona Control) के लिए शहरों के आपदा प्रबंधन समूह की तर्ज पर गांवों में संकट प्रबंधन समूह गठित करने का फरमान जारी किया है। गांवों में संरपच नहीं होने की वजह से जिला प्रशासन गांवों में आपदा प्रबंधन समूह गठित नहीं कर पा रहा है। संक्रमण की वजह से पटवारी, सचिव एवं संकट प्रबंधन में शामिल अन्य सदस्य जो शहरों में रहते हैं, वे गांव नहीं आ रहे हैं। गांवों में कोरोना नियंत्रण करने के लिए सरकारी मशीनरी (Government Machinery) का अभाव है। हालांकि शासन ने जो गाइडलाइन (Guidline) जारी की है, उसके अनुसार हर पंचायत की संकट प्रबंधन समूह में पटवारी, पंचायत सचिव एवं अन्य ऐसे पदाधिकारियों को शामिल किया है, जिन पर एक से ज्यादा गांवों का प्रभार रहता है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि कोरोना काल में ये लोग भी अपनी पदस्थापना वाली पंचायतों में नहीं पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि पिछले दो साल से प्रदेश में पंचायत के चुनाव नहीं हुए हैं। पिछले साल सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया था। सरपंच नहीं होने की वजह से पंचायतों में कोरोना नियंत्रण के लिए प्रबंधन समूह का गठन कारगार साबित नहीं हो रहा है।

    ब्लॉक, ग्राम और वार्ड में गठित होंगे संकट समूह
    इधर अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने कलेक्टरों को को पत्र लिखकर ब्लॉक स्तरीय, ग्राम स्तरीय एवं नगरीय क्षेत्रों में वार्ड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों के गठन के निर्देश दिये हैं। हर स्तर के संकट समूह के लिए गाइडलाइन जारी की है।

    नगरीय क्षेत्रों में वार्ड संकट प्रबंधन समूह
    डॉ. राजौरा ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में वार्ड संकट प्रबंधन समूह में वार्ड प्रभारी अधिकारी अध्यक्ष होंगे। क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि, नगर निगम आयुक्त / मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नामांकित जन-प्रतिनिधि, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि, वार्ड के प्रतिष्ठित निजी चिकित्सक, स्वयंसेवी संगठन, जन अभियान परिषद, राजनैतिक एवं सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता महिला स्व-सहायता समूह सदस्य होंगे।

    विकासखण्ड संकट प्रबंधन समूह
    डॉ. राजौरा ने बताया कि विकासखण्ड संकट प्रबंधन समूह में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अध्यक्ष होंगे। इस समूह में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, विकासखण्ड मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र के आयुक्त के प्रतिनिधि अथवा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, प्रोजेक्ट ऑफिसर महिला एवं बाल विकास विभाग, क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि, कलेक्टर द्वारा नामांकित विकासखण्ड के जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और स्वयंसेवी संगठन सदस्य होंगे।

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