नई दिल्ली। सरकार ने एलआईसी का आईपीओ किसी भी हालत में मार्च तक लाने के लिए बाजार नियामक सेबी को मंजूरी प्रक्रिया तीन सप्ताह से कम समय में पूरी करने को कहा है। मामले से जुड़े दो सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ लाने के लिए सभी रुकावटों को हटाना चाहती है। इसलिए उसने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (बोर्ड) से एलआईसी के मसौदा विवरण की जांच प्रक्रिया तेज करने को कहा है। आमतौर पर इस प्रक्रिया को पूरा करने में 75 दिन लग जाते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि एलआईसी के आईपीओ से जुड़ा मसौदा विवरण अगले कुछ दिनों में सेबी के पास जमा कर दिया जाएगा। इस सौदे के लिए उनके पास 10 बैंकर हैं। वे सेबी के किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का विनिवेश विभाग सरकारी बीमा कंपनी के आईपीओ पर पूरी तरह ध्यान दे रही है। इससे कंपनी को 12 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है। हालांकि, वित्त मंत्रालय, बाजार नियामक सेबी और एलआईसी ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
31 मार्च तक सूचीबद्ध कराने पर जोर
मोदी सरकार का पूरा जोर 31 मार्च, 2022 तक एलआईसी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने पर है। इस पर ज्यादा ध्यान देने के लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरे निजीकरण की योजनाओं को किनारे रख दिया है। 2021-22 के बजट में विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये है। पिछले वित्त वर्ष में विनिवेश से 32,835 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। चालू वित्त वर्ष में अब तक सार्वजनिक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 9,330 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
एलआईसी की विनिवेश राशि बजट में शामिल
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि सरकार के लिए विनिवेश लक्ष्य हासिल करने को लेकर एलआईसी का आईपीओ काफी महत्वपूर्ण है। एलआईसी की विनिवेश राशि इस साल के बजट में शामिल है। इसलिए हमारा इसे इस वित्त वर्ष के अंत तक सूचीबद्ध कराने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आईपीओ को लेकर विवरण पुस्तिका को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्दी ही इसे सेबी के पास जमा कराया जाएगा।
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