नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में टैक्स कलेक्शन को लेकर कई सुधार किए गए, और अब इसका फायदा भी दिख रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10 साल पहले के मुकाबले 173 प्रतिशत बढ़ चुका है. वहीं अगर इनकम टैक्स रिफंड की राशि को घटाकर भी देखा जाए तो 2013-14 की तुलना में सरकार का कर संग्रह 160 प्रतिशत अधिक है.
वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार का ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.68 लाख करोड़ रुपये रहा है. ये 2013-14 के 7.21 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 173 प्रतिशत अधिक है. इतना ही नहीं रिफंड का कैलकुलेशन करने के बाद 2022-23 में सरकार का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो 10 साल पहले महज 6.38 लाख रुपये था. यानी सरकार की नेट कमाई में 160 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है.
सीबीडीटी ने जारी किए नए आंकड़े
टैक्स कलेक्शन से जुड़े ये नए आंकड़े केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी किए हैं. आयकर विभाग से जुड़े अंतिम निर्णय सीबीडीटी ही लेता है. वित्त वर्ष 2022-23 के ये आंकड़े अभी अस्थायी हैं, इसमें बाद में और सुधार हो सकता है. इसी के साथ सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपडेटेट आंकड़े भी जारी कर दिए हैं. अगर जीडीपी के अनुपात में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को देखें तो वित्त वर्ष 2013-14 में ये जीडीपी के 5.62 प्रतिशत के बराबर था.
वहीं 2021-22 में बढ़कर ये 5.97 प्रतिशत हो गया. मोदी सरकार के कार्यकाल में टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए नोटबंदी, जीएसटी, इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रोसेस को सरल करना, रिफंड को जल्द से जल्द लोगों के खाते में पहुंचाने, कालेधन पर टास्क फोर्स बनाने और इनकम टैक्स की नई साइट बनाने जैसे कई सुधार हुए हैं.
जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ा
कुछ दिन पहले सरकार ने माल एवं सेवाकर संग्रह का डेटा भी जारी किया था. मार्च 2023 में ये 1.6 लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 22 प्रतिशत उछलकर 18.1 लाख करोड़ रुपये रहा.
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