नई दिल्ली। सरकार (Government) राजस्व में कमी की भरपाई (compensate for the shortfall in revenue) के लिए वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। सरकार यह कर्ज कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने (revive economy) के लिए लेगी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 7.02 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। इस राशि को सरकार ने बांड जारी कर जुटाया है। हालांकि सरकार की योजना अब शेष 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दूसरी छमाही में लेने की है।
मंत्रालय ने कहा कि आम बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये के सकल ऋण का अनुमान लगाया गया है। इसमें से 60 फीसदी राशि यानी 7.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहली छमाही में जुटाने की योजना बनाई गई थी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक दूसरी छमाही के कर्ज अनुमान में जीएसटी मुआवजे के एवज में एक के बाद एक ली गई ऋण सुविधा के तहत राज्यों को शेष राशि जारी करने की जरूरत को भी शामिल किया गया है। बजट 2021-22 के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल कर्ज 12.05 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध कर्ज 9.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि सकल कर्ज में पुराने कर्ज का भुगतान शामिल होता है। अगले वित्त वर्ष में पुराने कर्ज का भुगतान 2.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सरकार दिनांकित प्रतिभूतियों तथा ट्रेजरी बिलों के जरिए बाजार से धन जुटाकर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करती है। आम बजट में अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का नौ फीसदी रहने का अनुमान है। (एजेंसी, हि.स.)
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