नई दिल्ली। देश में कोयला से गैस ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 6,000 करोड़ रुपये की योजना लाने पर विचार कर रही है। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह प्रौद्योगिकी अपनाने से कोयला क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। प्राकृतिक गैस, मेथनॉल व अन्य जरूरी उत्पादों के आयात पर निर्भरता घटेगी।
मंत्रालय ने कहा, कोयला/लिग्नाइट से गैस ईंधन बनाने की योजना के लिए इकाइयों का चयन पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक नीलामी प्रक्रिया से होगा। योजना के दो खंड हैं। पहले खंड में सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सहयोग देगी।
दूसरे खंड में निजी क्षेत्र और सरकारी उपक्रम दोनों शामिल होंगे। इस खंड के तहत कम-से-कम एक परियोजना का चयन शुल्क-आधारित बोली प्रक्रिया से होगा। इसके मानदंड तय करने के लिए नीति आयोग से परामर्श लिए जाएंगे। 2029-30 तक कोयला से 10 करोड़ टन गैस बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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