भोपाल। मध्यप्रदेश की ‘सी’ एवं ‘डी’ ग्रेड की मंडियों की आय बढ़ाने के लिए मंडी बोर्ड द्वारा पहल की जा रही है। इस संबंध में मंडी बोर्ड प्रबंधन ने विगत दिनों मंडियों की खाली पड़ी जमीनों की पड़ताल शुरू करवा दी है। इसके तहत भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना एग्रीकल्चर इंफास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund) के तहत मध्यप्रदेश की ‘सी’ एवं ‘डी’ वर्ग की मंडियां जिनकी आय एवं आवक अत्यधिक कम है तथा जो मंडियां अपने वित्तीय भार वहन करने में असमर्थ हो जाती हैं ऐसी 122 मंडियों की रिक्त भूमि पर कृषि उद्योगों को भूमि आवंटन की कार्य योजना प्रारंभ की है। ऐसी मंडियों की आय स्थाई करने के लिए विभिन्न प्रकार के वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, असेइंग लेब, इलेक्ट्रानिक तौलकांटा, सार्टिग ग्रेडिंग प्लांट, ड्राइंग यार्ड, ट्रेडिंग प्लेटफार्म, रायपेनिंग चेम्बर्स आदि इकाइयां स्थापित किए जाएंगे। इस तारतम्य में मंडी बोर्ड के सातों संभागों (भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, सागर, ग्वालियर, जबलपुर एवं रीवा) की ‘सी’ तथा ‘डी’ वर्ग की मंडियों की भूमि का चिन्हांकन का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस संबंध में गतदिनों मंडी बोर्ड मुख्यालय में बैठक कर प्राइवेट इंवेस्टर (Private Investor) को मंडियों में उपलब्ध रिक्त भूमि आवंटन करने के संबंध में कार्य योजना बनाई गई है।
मंडियों में प्राइवेट सेक्टर को मिलेगी करोबार की जगह
प्रदेश सरकार ने बाजारों में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मेडिकल क्लीनिक, पेट्रोल पंप और उर्वरक और बीज केंद्र विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र को सूचीबद्ध करने की योजना बनाई है। मंडियां फसल महीनों अप्रैल से जून और अक्टूबर से दिसंबर तक सबसे अधिक राजस्व रिकॉर्ड करती हैं। मध्यप्रदेश में ऐसी 259 मंडी और 298 उप-मंडियां हैं। मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नए कृषि कानून के अनुसार, कृषि बाजारों में उपज की बिक्री पर टैक्स घटाया गया है। किसान अपनी फसल को बाजारों के बाहर बेचने (सरकार द्वारा संचालित) के लिए स्वतंत्र हैं। अधिकारी ने कहा कि राज्य ने निजी संस्थाओं को सूचीबद्ध करने और खुदरा खरीदारी परिसरों, पेट्रोल पंपों, उर्वरक और बीज केंद्रों आदि को विकसित करने के लिए बाजारों में प्राइवेट सेक्टर को भूमि उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, इसी तरह सरकार, गैर सरकारी संगठनों को किसानों के लिए चिकित्सा क्लीनिक चलाने के लिए कुछ क्षेत्र देगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved