नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों (rising food prices) पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं (5 million tonnes wheat) और 25 लाख टन चावल (2.5 million tonnes rice) खुले बाजार में बेचेगी।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचने का निर्णय लिया है। चावल और गेहूं की बिक्री भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ई-नीलामी के जरिए की जाएगी।
मंत्रालय के मुताबिक आरक्षित मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी और इसका प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये प्रति क्विंटल होगा। आरक्षित मूल्य में कमी के कारण होने वाली लागत उपभोक्ता मामले के विभाग द्वारा बनाए गए मूल्य स्थिरीकरण कोष से वहन की जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि एक साल में गेहूं की कीमतें खुदरा बाजार में 6.77 फीसदी और थोक बाजार में 7.37 फीसदी बढ़ी हैं, जबकि खुदरा बाजार में चावल की कीमतें 10.63 फीसदी और थोक बाजार में 11.12 फीसदी बढ़ गई हैं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताया कि चावल और गेहूं की खुले बाजार में ये बिक्री कुछ महीने पहले घोषित ओएमएसएस के तहत 15 लाख टन गेहूं और पांच लाख टन चावल के अलावा है। चोपड़ा ने कहा कि अबतक सात लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के जरिए बेचा गया है, जबकि चावल की बिक्री बहुत कम रही है।
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