भोपाल। बेसहारा मवेशियों को छत मुहैया कराने वाली मप्र सरकार अब उनके लिए चारा उगाएगी। ग्राम पंचायत और गांव स्तर पर चारा उगाने का काम सरपंच-सचिव और जनपद-जिला पंचायत अधिकारियों की निगरानी में होगा। यह पहली दफा होगा जब सरकार इस तरह के अनूठे प्रयास कर रही है। ग्राम पंचायत और गांवों में खाली पड़ी जमीन चारा उगाने में जो भी राशि खर्च होगी वह महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से होगी।
इस तरह की है कार्ययोजना
ग्राम पंचायत क्षेत्र में उपलब्ध गोवंश की संख्या के आधार पर चारे की मात्रा का आंकलन किया जाए। उपलब्ध चारे की मात्रा को छोड़कर शेष हरे चारे के उत्पादन के लिए विकास के कार्य चरणबद्ध तरीके से किए जाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। स्थल की उपयुक्तता एवं जमीनी वास्तविकता के आधार पर सह पौधारोपण केवल चारागाह के लिए उपयोग होगी। चयनित स्थल पर पानी का स्रोत होना अनिवार्य है। अत: सर्वप्रथम सिंचाई के लिए चारागाह स्थल पर या समीप में पानी का स्रोत यथा सामुदायिक कूप, तालाब, नदी नाला होने पर चेक डेम निर्माण कार्य पृथक से स्वीकृत कर विकसित किए जाएंगे। चारागाह जहां बनेगा अगर वहां व्यवस्थाएं नहीं है तो मनरेगा से पूरी व्यवस्थाएं की जाएगी।
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