भोपाल। मध्यप्रदेश लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग का गठन कुछ समय पूर्व शासन ने किया है, जिसके जरिए सरकारी जमीनों की नीलामी की जा रही है। प्रदेशभर में लगभग 300 सरकारी सम्पत्तियों को बेचकर 1,000 करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 16 सम्पत्तियां बिकी है, जिनसे लगभग 100 करोड़ रुपए शासन ने अर्जित कर लिए। अभी इंदौर के पिपल्याहाना स्थित जमीन के अलावा आने वाले दिनों में मालवा मिल-पाटनीपुरा क्षेत्र में स्थित तीन लाख स्क्वेयर फीट रोडवेज की जमीन भी नीलाम की जाएगी। इस विशाल जमीन को 5 बड़े-बड़े भूखंडों में बांटकर नीलाम करेंगे और 60 फीट चौड़ी पहुंच मार्ग भी तैयार की जाएगी। प्रशासन इस जमीन को नीलाम करवाने की तैयारी कर रहा है।
शिवराज सरकार ने प्रदेशभर में पड़ी सरकारी जमीनों की नीलाम की प्रक्रिया शुरू करवाई है, जिसमें तमाम विभागों की जमीनों को शामिल किया गया है और उसके लिए अलग से मध्यप्रदेश लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग का भी गठन किया गया है। अभी पिछले दिनों ही राजस्व विभाग की पिपल्याहाना स्थित दो हजार वर्गमीटर की जमीन को भी नीलाम करने का निर्णय लिया गया। खसरा नं. 471/1/2 और 471/2 पिपल्याहाना जमीन पार्ट-1 को नीलाम किया जा रहा है, जिसके लिए 21 जनवरी अंतिम तिथि तय की गई है और इस जमीन का आरक्षित मूल्य शासन ने 4 करोड़ 22 लाख रुपए तय किया है। वहीं दूसरी तरफ शासन ने लगभग ऐसी 300 सरकारी सम्पत्तियों को बेचने की योजना बनाई है।
शासन ने 52 विभागों की सम्पत्तियों की सूची तैयार
दरअसल तमाम विभागों के पास अनुपयोगी जमीनें पड़ी हैं, जिन पर अवैध कब्जे भी हो जाते हैं। झुग्गी झोपड़ी, ठेले, गुमटी से लेकर नेताओं के दबाव में भी ये जमीनें अवैध कब्जे का शिकार होती है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन, जिसे कि पहले रोडवेज के नाम से जाना जाता था, उसकी भी भोपाल सहित प्रदेशभर में बेशकीमती सम्पत्तियां हैं, उन्हें भी इसी तरह नीलाम किया जाएगा। शासन ने 52 विभागों की सम्पत्तियों की सूची तैयार की है, जिन्हें बेचकर एक हजार करोड़ रुपए तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। सालों पहले रोडवेज बंद हो गया और उसकी बसें भी नीलाम हो गई और अब जो जमीनें बची हैं उन्हें भी बेचा जाएगा। इसी तरह मिलों की जमीनों को भी इसी योजना में शामिल कर नीलाम करेंगे। अभी कलेक्टर को रोडवेज की जमीन नीलाम करवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
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