नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र अपने अंतिम चरण की तरफ बढ़ रहा है। आज से आखिरी सप्ताह की कार्यवाही शुरू हो गई है। हालांकि, अभी तक पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा है। आज सदन में कई अहम बिल पेश किए जाने हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करेंगे। इसके साथ ही लोकसभा में 6 विधेयक रखे जाएंगे।
इस विधेयक का उद्देश्य पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए राज्यों को अधिकार देना है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने इसपर मुहर लगाई थी। इस संशोधन की मांग कई क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के ओबीसी नेताओं ने भी की है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस विधेयक को समर्थन देने का एलान किया है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद विधेयक पेश
सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद यह बिल संसद में पेश किया जाएगा। मई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसपर आपत्ति जाहिर की गई थी, इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप देना चाहती है।
नए विधेयक से ये होगा असर
संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर मुहर लगने के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरतों के मुताबिक, जातियों को अधिसूचित करने की शक्ति मिलेगी। इससे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है। ये तमाम जातियां लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही हैं, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इन मांगों पर रोक लगाता रहा है।
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