- मप्र सरकार ने स्टार्ट अप नीति 2022 के प्रविधान को नियम बनाकर किया लागू
भोपाल। मध्य प्रदेश में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए लीज पर लिए गए कार्यस्थल का किराया सरकार चुकाएगी। यह अधिकतम पांच हजार रुपये प्रतिमाह होगा और तीन साल तक दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में स्थापित स्टार्टअप को उत्पाद का पेटेंट प्राप्त करने के लिए पांच लाख रुपये तक सहायता भी दी जाएगी। स्टार्टअप नीति-2022 के इन प्रविधानों को सरकार ने नियम बनाकर लागू कर दिया है। इसमें यह भी प्रविधान किया गया है कि स्टार्टअप से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने के लिए इन्क्यूबेटर्स को पांच लाख रुपये प्रति आयोजन तक सहायता दी जाएगी। यह एक वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव पी. नरहरि ने बताया कि नीति में जो प्रविधान प्रस्तावित थे, उन्हें क्रियान्वित करने के लिए कार्यान्वयन योजना बनाई है। पोर्टल तैयार हो गया है। इस पर आवेदन करने पर स्टार्टअप को नीति के तहत सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी। स्टार्टअप सेंटर भी बनाया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र, पार्क, क्लस्टर में स्थापित उत्पाद आधारित स्टार्टअप को चुकाए गए लीज रेंट और संधारण शुल्क पर किराए की सुविधा मिलेगी। यह किराए का पचास प्रतिशत अधिकतम होगा। नई इकाइयों को बिजली कनेक्शन लेने की दिनांक से तीन वर्ष के लिए विद्युत शुल्क से छूट रहेगी। वहीं, वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने से तीन साल के लिए बिजली की आपूर्ति पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से की जाएगी। यदि कोई स्टार्टअप नवाचार करता है तो उसे एक करोड़ रुपये की विशेष प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी। इसके लिए स्टार्टअप का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। नीति में यह भी प्रविधान किया गया है कि सेबी या आरबीआई द्वारा अधिमान्यता प्राप्त वित्तीय संस्था से निवेश प्राप्त करने वाले स्टार्टअप को पहले निवेश के लिए 15 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्टअप को 20 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता मिलेगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जो इकाइयां पूर्व से स्थापित हैं, उन्हें स्टार्टअप नीति 2019 के प्रविधानों के अनुसार सहायता प्राप्त करने की पात्रता रहेगी। इसमें पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए आर्थिक सहायता, अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के स्वामित्व वाले स्टार्टअप को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान सात साल तक देने, पूंजीगत व्यय पर 12 लाख रुपये तक मार्जिन मनी सहायता, स्टांप और पंजीकरण शुल्क की एक बार में सौ प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति सहित अन्य प्रविधान हैं।