22 अप्रैल तक करना होगा आवेदन, 3 मई को इंदौर लौटेगी यात्रा, 60 साल से अधिक की आयु के बुजुर्गों को ले जाएंगे
करीब ढाई साल बाद फिर इंदौर से 28 अप्रैल को रवाना होगी ट्रेन
इंदौर। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना (Chief Minister Tirth Darshan Yojana) के तहत अब इंदौर से भी एक तीर्थदर्शन (pilgrimage) ट्रेन (train) रवाना की जा रही है। यह ट्रेन काशी (Kashi) के साथ-साथ तीर्थयात्रियों को अयोध्या (Ayodhya) भी ले जाएगी, जहां वे रामलला (Ramlala) के दर्शन करेंगे। यह पहला मौका है, जब सरकार तीर्थदर्शन योजना के तहत दो-दो तीर्थ के दर्शन कराने जा रही है। पहले भोपाल (Bhopal) में इसकी शुरुआत की जा रही है और उसके बाद इंदौर (Indore) का नंबर है। 22 अप्रैल तक बुजुर्ग आवेदन कर सकते हैं।
कोरोना काल (Corona period) में सरकार ने तीर्थदर्शन योजना बंद कर दी थी, लेकिन पिछले महीने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कोरोना के कारण बंद हुई योजनाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, जिसमें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना सहित कई योजनाएं शामिल हैं। तीर्थदर्शन योजना का सबसे ज्यादा लाभ इंदौरियों ने उठाया था और कोरोना काल के पहले इंदौर से कई ट्रेनें रवाना हुई थीं। कोरोना में ट्रेनें बंद हो गई थीं और अब इन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है। पहली ट्रेन भोपाल से 19 अप्रैल को रवाना की जा रही है, जो काशी-विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए ले जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी ट्रेन अब इंदौर से चलाई जाएगी। जिला पंचायत के अधिकारी इस ट्रेन का संचालन देखेंगे। पहले कलेक्टर कार्यालय से इस ट्रेन का संचालन होता था। मध्यप्रदेश शासन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्रालय ने इंदौर की ट्रेन का शेड्यूल जारी कर दिया है। यह ट्रेन 28 अप्रैल को इंदौर से रवाना की जाएगी। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुुरू की जा रही है, जिसमें 60 साल से अधिक की उम्र के नागरिक आवेदन कर सकते हैं। महिलाओं को इसमें 2 वर्ष की छूट दी जाएगी, यानि 58 साल से अधिक उम्र की महिलाएं इस यात्रा का लाभ ले सकती हैं। 22 अप्रैल तक यात्रा के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह यात्रा इंदौर से रवाना होकर देवास, उज्जैन होते हुए काशी पहुंचेगी, जहां तीर्थयात्री काशी-विश्वनाथ भगवान के दर्शन करेंगे। उसके बाद वापसी में यात्रियों को अयोध्या ले जाया जाएगा। अयोध्या के दर्शन करने के बाद सीधे यात्रा उज्जैन और देवास के रास्ते 3 मई को इंदौर पहुंचेगी। यात्रा में 400 यात्री सहित ट्रेन का सुरक्षा और केटरिंग स्टॉफ शामिल रहेगा।
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