नई दिल्ली। यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) के चलते जीवन बीमा निगम (एलआईसी) (Life Insurance Corporation (LIC)) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) (Initial Public Offering (IPO)) लाने में देरी हो रही है। सरकार के पास एलआईसी का आईपीओ लाने के लिए 12 मई, 2022 तक का वक्त है। ऐसे में यदि तय समय पर एलआईसी का आईपीओ नहीं आया तो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास फिर से दस्तावेज जमा करने होंगे।
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दरअसल सेबी ने एलआईसी को हाल ही में आईपीओ के लिए दाखिल दस्तावेजों के मसौदे (डीआरएचपी) को मंजूरी दे दी थी। सरकार को इस आईपीओ से करीब 60 हजार करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद थी। ताकि चालू वित्त वर्ष के अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए मदद मिल सके। सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजों के साथ सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
उल्लेखनीय है कि एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी यानी 632.49 करोड़ से अधिक शेयर हैं। सरकार ने पहले एलआईसी के करीब 31.6 करोड़ शेयरों यानी 5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मार्च में आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। इन शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर है। एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ होगा। एक बार सूचीबद्ध होने के बाद एलआईसी का बाजार मूल्यांकन रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी शीर्ष कंपनियों के आसपास होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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