इंदौर, राजेश ज्वेल। यह पहला मौका है जब इंदौर की मास्टर प्लान के साथ अन्य एक-एक प्रमुख सडक़ों का विस्तृत मंथन भोपाल में हुआ। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने प्राधिकरण, निगम और नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के साथ शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित सडक़ों-ओवरब्रिजों पर चर्चा की। इतना ही नहीं, मास्टर प्लान के साथ प्राधिकरण द्वारा घोषित एमआर और प्रमुख ओवरब्रिजों के निर्माण का पैसा भी शासन द्वारा दिया जाएगा। इसके लिए जो अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड बनाया है उसमें से ये राशि प्राधिकरण और नगर निगम को मिलेगी और यह लोन के रूप में नहीं रहेगी। निर्धारित प्रारुप में प्राथमिकता वाली सडक़ों की जानकारी मांगी गई है।
अभी तक मास्टर प्लान की क्रियान्वयन एजेंसी इंदौर विकास प्राधिकरण अपनी योजनाओं में शामिल सडक़ों का निर्माण तो कर लेता है, लेकिन योजना से बाहर की सडक़ों के लिए उसे गैर योजना मद में शासन से ही अनुमति लेना पड़ती है। यही कारण है कि बीते कई वर्षों से मास्टर प्लान की ही कई सडक़ें निर्मित नहीं हो सकी, तो प्राधिकरण ने जो 12 एमआर घोषित कर रखे हैं उनमें से भी कई नहीं बन सके या कुछ अधूरे पड़े हैं। कल भोपाल में हुई विस्तृत बैठक में मास्टर प्लान के साथ सभी प्रमुख सडक़ों और प्रस्तावित ओवरब्रिजों पर भी चर्चा हुई। प्रमुख सचिव मंडलोई ने एक-एक सडक़ पर विस्तृत जानकारी प्राधिकरण और निगम अफसरों से हासिल की। निगमायुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह, प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार, नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक डॉ. सुशोभित बेनर्जी सहित अन्य अधिकारी इस महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद रहे।
नगर निगम की परेशानी यह है कि उसका खजाना खाली है और आरई-2 सहित अन्य सडक़ों के निर्माण के एवज में उसने बेटरमेंट चार्ज लेना तय किया। हालांकि उसका भी विरोध हुआ। वहीं मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास से भी कुछ राशि प्राप्त हुई। पहले चरण में निगम को 25 करोड़ रुपए और दूसरे चरण में फिर 25 करोड़ रुपए की राशि पिछले दिनों मंजूर की गई है। मगर यह पहला मौका है जब शासन मास्टर प्लान के साथ एमआर यानी प्रमुख रोड के साथ ओवरब्रिजों के लिए अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड से राशि देगा। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय ने एक प्रारुप तैयार किया है, जिसमें प्राधिकरण और निगम से उन प्रमुख सडक़ों की जानकारी मांगी गई है जिनका निर्माण पहले या प्राथमिकता से शहर हित में किया जाना है।
बायपास का निर्णय प्रमुख सचिव की बैठक में शीघ्र होगा
इंदौर बायपास के 45 मीटर के कंट्रोल एरिया का निर्धारण भी शासन स्तर पर लम्बित है। प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि साढ़े 22 मीटर में मिक्स लैंडयूज और शेष साढ़े 22 मीटर जमीन का इस्तेमाल सर्विस रोड को फोर लेन करने में किया जाना है। इसमें कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है और शीघ्र ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इंदौर बायपास का मुद्दा भी रखा जाएगा और उस पर निर्णय भी ले लेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved