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ताजपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में 100 से 180 रुपए फीट में जमीन देगी सरकार..निवेशकों ने दिखाई रुचि

September 24, 2024

  • उज्जैन में उद्योगपतियों को जमीन देने का नया प्लान..होम लोन की तरह बंटेगी इंडस्ट्री के लिए जमीन
  • निवेशकों को बुलाने के लिए 3 साल की आसान किश्तों पर मिलेगी जमीन-स्थानीय लोगों को रोजगार पर भी सब्सिडी

उज्जैन। शहर में उद्योगपतियों को काफी कम दर पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इंडस्ट्रीयल एरिया में होम लोन की तर्ज पर उद्योगपति जमीन ले सकेंगे। इस जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं। ये जमीन भी उन्हें मामूली कीमत में उपलब्ध कराई जाएगी। मध्य प्रदेश को औद्योगिक राज्य बनाने के लिए मोहन यादव सरकार संभाग स्तर पर इन्वेस्टर्स मीट के जरिए निवेशकों को बुला रही है। उद्योगपतियों को इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ-साथ बड़े शहरों से जुड़े नेशनल हाईवे, रेलवे जंक्शन के आसपास औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है। ऐसे में एक बार सरकार अपनी नीतियों में फिर बदलाव कर रही है और निवेश मित्र नीतियाँ बना रही हैं। खासकर उद्योगों के लिए जमीन मुहैया कराए जाने और कर राहत को लेकर कई अहम फैसले किए हैं। उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं। सरकार ने बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहित कर उद्योगों को रिझाने के लिए बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए हैं। इनमें उज्जैन का ताजपुर इंडस्ट्रीयल एरिया, विदिशा का जंबारबागरी इंडस्ट्रीयल एरिया, इटारसी का कीरतपुर इंडस्ट्रीयल एरिया और जबलपुर का मनेरी शामिल हैं। यहाँ औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों की रुचि के लिए सस्ती जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।


मोहन यादव सरकार ने उद्योगपतियों को काफी कम दर पर जमीन मुहैया कराने का फैसला किया है। इसके साथ कई इंडस्ट्रीयल एरिया में होमलोन की तर्ज पर उद्योगपतियों को जमीन मुहैया कराई जा रही है। उनसे एकमुश्त नहीं बल्कि किश्तों में भूखंड की राशि लेने का प्रावधान किया है, उद्योगपति अब जमीन की कीमत 3 साल में किश्तों में अदा कर सकते हैं। खास बात ये है कि ये जमीन मामूली कीमत में उद्योगपतियों को दी जा रही है। उद्योगपतियों को 100 रुपये से 180 रुपये फीट तक जमीन मुहैया कराई जा रही है। कम कीमत और आसान किश्तों में जमीन मुहैया कराने के बाद सरकार उद्योगपतियों को अपने यूनिट से उत्पादन शुरू करने के लिए भी पर्याप्त समय दे रही है। सरकार 3 साल में उद्योगपतियों को जमीन पर उत्पादन शुरू करने का अवसर दे रही है। इस अवधि में उद्योगपति यदि उत्पादन शुरू कर देते हैं तो सरकार उन्हें और कई रियायतें मुहैया कराती है। उत्पादन शुरू नहीं होने पर सरकार जमीन वापस ले लेती है। सरकार ने तय किया है कि निवेशक जिन इलाकों के इंडस्ट्रीयल एरिया में अपनी यूनिट लगाकर उत्पादन करती है और स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मुहैया कराती है तो निवेशकों को सरकार की तरफ से कई तरह की रियायत दी जाएगी। उनको करों में राहत के अलावा उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर जमीन मुहैया करायी जाएगी। एमपी इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के एमडी चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि सरकार द्वारा बनाए गए इंडस्ट्रीयल एरिया में निवेशकों को रिझाने जमीन आवंटन नीति और अन्य रियायतों के लिए नियम शिथिल किए गए हैं। निवेश के प्रति आकर्षण बनाने के लिहाज से ऐसा किया गया है। सरकार के सस्ती जमीन देने के इस नये प्लान में निवेशकों ने रूचि दिखाई है।

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