नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर एक फीसदी टीडीएस लगाने के फैसले से सरकार को हर साल 1,000 करोड़ रुपये की कमाई होगी। इससे लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर जूझ रही सरकार को काफी राहत मिलेगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन जेबी महापात्रा ने कहा कि इस वर्चुअल एसेट्स की खरीद-बिक्री पर एक फीसदी टीडीएस काटने पर सरकार को हर साल अच्छी कमाई होगी। उन्होंने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों का सालाना टर्नओवर 30,000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपये का है। एक लाख करोड़ रुपये के आधार पर एक फीसदी टीडीएस काटने से 1,000 करोड़ रुपये हर साल सरकार की झोली में आएंगे।
1.5 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश
क्रिप्टोकरेंसी के मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स से कितनी कमाई होगी, इस पर महापात्रा ने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि 30 फीसदी टैक्स के साथ टीडीएस लगाने से सरकार की तिजोरी में काफी पैसा आएगा। देश में अभी क्रिप्टोकरेंसी में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश का अनुमान है।
राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर राहत
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि आयकर रिटर्न में क्रिप्टोकरेंसी से हुए मुनाफे के लिए एक अलग कॉलम की व्यवस्था की जाएगी। इसका मतलब है कि इस वर्चुअल एसेट्स में निवेश करने वालों को सरकार को मुनाफे की जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि इस कदम से सरकार को ऐसे वक्त पर काफी राहत मिल सकती है, जब वह राजकोषीय घाटा कम करने का रास्ता तलाश रही है।
क्रिप्टो पर कर समाधान मुहैया कराएगी क्लीयर
देश में वर्चुअल एसेट्स के लिए नई कर व्यवस्था पेश करने की घोषणा के कुछ दिन बाद ऑनलाइन टैक्सेशन एंड फिनटेक सॉफ्टवेयर प्रदाता क्लीयर (पूर्व में क्लीयर टैक्स) ने ‘क्लीयर क्रिप्टो टैक्स’ सेवा पेश की है। इससे निवेशकों को अपने क्रिप्टो एसेट्स पोर्टफोलियों और कर प्रबंधन में मदद मिलेगी। ऑनलाइन मंच की सभी बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और डेफी प्रोटोकॉल के साथ समझौता करने की योजना है। इसके जरिये टीडीएस, इनवॉयस और जीएसटी की गणना में मदद मिलेगी।
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