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    जुआ या स्किल वाले Online Gaming पर नकेल कसेगी सरकार, बन सकता है नया कानून

  • December 05, 2022

    नई दिल्ली। चाइनीज एप और मोबाइल गेम के बाद अब केंद्र सरकार जुआ या स्किल वाले ऑनलाइन गेम पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस प्रपोजल को नकार दिया जिसमें केवल स्किल आधारित खेलों को नियंत्रित करने की बात कही गई थी। अब स्किल और जुआ संबंधी सभी तरह के गेम, जिनमें पैसा शामिल होता है, सरकार के रेगुलेशन के दायरे में होंगे। यानी जिन भी गेम से धन कमाया जाता है, उन सभी पर सरकार की नजर होगी।

    भारत में तेजी से बढ़ रहा गेमिंग सेक्टर
    बहुप्रतीक्षित विनियमों को भारत के गेमिंग सेक्टर के भविष्य को आकार देते हुए देखा जा रहा है, जिसके बारे में शोध फर्म रेडसीर का अनुमान है कि 2026 तक भारत में गेमिंग सेक्टर की वैल्यू 7 बिलियन डॉलर (लगभग 57,000 करोड़ रुपये) के लगभग होगी। इसने से रियल-मनी गेम का प्रभुत्व अधिक होगा। बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को भारत में पिछले दिनों बहुत रफ्तार मिली है। टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल ने हाल के वर्षों में फैंटेसीक्रिकेट के लिए लोकप्रिय भारतीय स्टार्टअप ड्रीम 11 और मोबाइल प्रीमियर लीग का समर्थन भी किया है।

    सरकारी बैठक में रखा गया था प्रस्ताव
    इसी साल अगस्त में नियमन का मसौदा तैयार करने वाले एक भारतीय पैनल ने यह तय करने के लिए एक नए निकाय का प्रस्ताव रखा था कि क्या गेम में स्किल या अवसर शामिल हैं, और फिर स्किल गेम्स को नियोजित संघीय नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए। शिकायत निवारण तंत्र द्वारा एक समिति बनाने के लिए कहा गया था, जो यह तय करे कि स्किल गेमों के लिए रजिस्ट्रेशन हो और जुआ आधारित गेम को राज्य सरकार की निगरानी में नियंत्रित किए जाने का उल्लेख किया गया था।


    लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, 26 अक्टूबर की एक सरकारी बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने इस तरह के भेदभाव पर आपत्ति जताई और सभी प्रकार के खेलों पर विस्तारित निरीक्षण की मांग की। अधिकारी का कहना था कि कानूनी स्पष्टता की कमी और अदालती फैसलों के विपरीत होने के कारण गेमिंग को स्किल या अवसर के रूप में अलग करना आसान नहीं था। अधिकारी का कहना था कि ऑनलाइन गेमिंग को बिना किसी भेद के एक गतिविधि/सेवा के रूप में माना जा सकता है और वह हर तरह के गेम पर नजर रखेंगे।

    भारत में गेम्स को परिभाषित करना विवादास्पद
    दरअसल, गेम्स को परिभाषित करना भारत में विवादास्पद रहा है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि ताश का गेम उदाहरण के लिए रम्मी और कुछ फैंटसी गेम कौशल-आधारित और कानूनी हैं, जबकि विभिन्न राज्य अदालतों ने पोकर जैसे खेलों के बारे में अलग-अलग विचार रखे हैं।

    सरकार बना रही नियम
    रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार जुआ या स्किल वाले ऑनलाइन गेम पर नकेल कसने के लिए नया नियम बना सकती है। नियम बनाने की कड़ी में 3 लोग मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें नई दिल्ली के दो सरकारी अधिकारी हैं। नए नियमों में संघीय प्रशासन को सभी प्रकार के खेलों के व्यापर निगरानी रखने की आजादी होगी जबकि राज्य सरकार को जुए वाले खेलों पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार होंगे।

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