चंडीगढ़। पंजाब सरकार (Punjab government) पूरी तरह से किसानों के पक्ष में उतर आई है। एक तरफ जहां सरकार किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन कर रही है। वहीं अब दूसरी ओर सरकार ने किसानों पर दर्ज कई वर्षों पुराने मामलों को रद्द करने की तैयारी कर ली है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस संबध में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने पुलिस के तीन उच्च अधिकारियों की एक कमेटी का गठन करवाया है, जो किसानों पर दर्ज कई साल पुराने मामलों की डिटेल एकत्रित कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ये वे मामले हैं यह ऐसे मामले हैं जो रपट दर्ज करने के बाद पुलिस की फाइलों में ही बंद हैं और आज तक अदालत में पहुंचे ही नहीं हैं। तीन अधिकारियों की यह कमेटी जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है। जिसके बाद सरकार बजट सत्र के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने का फरमान जारी कर सकती है। इसके अलावा किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के कर्ज माफ करने पर भी सरकार विचार कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने एडीजीपी इंटेलिजेंस, एडीजीपी और आईजी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है जो डाटा एकत्रित करने का काम कर रही है। सूत्रों का कहना है करीब किसानों के खिलाफ करीब 5000 हजार ऐसे मामले हैं, जिनका अदालत में चलान ही पेश नहीं हुआ है।
पंजाब सरकार किसानों पर लगे धारा 144 के काफी मामलों को पहले ही रद्द कर चुकी है। किसान संगठनों ने सरकार को अवगत कराया था कि पिछले कई सालों में किसानों पर शांतिपूर्ण आंदोलनों के दौरान कई मामले दर्ज हुए हैं। जिन्हें वापिस लेकर सरकार को किसानों को राहत देनी चाहिए। गौरतलब है कि सरकार इस साल चुनावी साल से गुजर रही है। इस सरकार का 1 मार्च से शुरू होने वाला यह बजट चुनावी है। जिसमें सरकार कई तरह के ऐलान करके किसानों और आम जनता को लुभाने की कोशिश करेगी।
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