भोपाल। प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लिव पिटिशन दायर करने की बजाय नया अधिनियम लाने की तैयारी में है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण से जुड़ी फाइलें बुलाई है। इसकी समीक्षा के बाद शासन स्तर से दिल्ली और आंध्रप्रदेश की तर्ज पर ही अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नए नियम लागू किए जा सकते हैं। अवैध कॉलोनियों की जानकारी मंत्री ने तलब की है। उन्होंने निर्देश दिए है कि कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। शनिवार को नगरीय विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने अफसरों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। अवैध कॉलोनी से जुड़ीं फाइलें और कार्रवाई को मंत्री के पास भेजा जाएगा।
हाईकोर्ट ने शून्य किया था फैसला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नवंबर 2016 के पहले बसी सभी अवैध कॉलोनियों को नियमित कर दिया था। ये कॉलोनी धारा 15(ए) में नियमित की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने शून्य करार दिया है। इसके बाद शासन ने कॉलोनियों को वैध करने के लिए नया अधिनियम बनाने का प्रस्ताव विधि वभाग को भेजा था। इस प्रस्ताव को विधि से मंजूरी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव स्तर के अफसर इसे सहमति दे चुके हैं। विधि विभाग के अनुमोदन के बाद हाल ही में नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का प्रस्ताव भेजा गया है। मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देशों के बाद नगरीय विकास विभाग दोबारा पुराने प्रस्ताव को ही मान्य कर सकता है। इसमें एसएलपी में जाने की जगह नया अधिनियम लाकर कॉलोनियों को वैध कर दिया जाएगा।
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