नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर की सबसे ज्यादा मारामारी रही है। इनकी कीमतों में आई उछाल के बाद मोदी सरकार ने अब बड़ा फैसला लिया है। इन सभी उपकरणों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एनपीपीए (NPPA) ने पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी मॉनिटर, नेबूलाइजर और डिजिटल थर्मोमीटर को ट्रेड मार्जिन रेशनालाइजेशन के तहत लाने का फैसला किया है। इसके लिए इन सभी पर डिस्ट्रीब्यूटर के मार्जिन को 70 प्रतिशत तक सीमित रखा गया है।
बता दें कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर की सबसे ज्यादा मारामारी रही है। यहां तक कि कई जगहों ने इन डिवाइस की कालाबाजारी की खबरें भी सामने आईं, इसी को देखते हुए सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए इन सामानों के व्यापार मार्जिन की सीमा तय कर दी है। अब इन पांचों मेडिकल डिवाइस को डिस्ट्रीब्यूटर की कीमत से 70% से ज्यादा मुनाफे पर नहीं बेचा जा सकता है। NPPA के फैसले के बाद इन पांचों मेडिकल डिवाइस को बेचने वालों को 20 जुलाई तक नये नियम के मुताबिक एमआरपी (MRP) में बदलाव करने का आदेश दिया है।
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