नई दिल्लीः कोरोना महामारी (Covid-19) को काबू करने में कोविड-19 वैक्सीन की क्या भूमिका रही है, ये किसी से छिपा नहीं है. दुनिया में जब चीन समेत कई देशों में कोरोना केसों ने जीना मुहाल कर रखा है, भारत में इस समय हालात काफी सुकून देने वाले हैं. भारत अपनी बालिग आबादी में पूर्ण वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने कोरोना के टीकों से अब तक दूरी बनाए रखी है.
सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश की 84.4 फीसदी बालिग आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज (corona vaccine double dose) दी जा चुकी हैं लेकिन 2.6 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने पात्र होने के बावजूद एक भी डोज नहीं (not a single dose) ली है. उन्होंने ये भी जानकारी दी कि अभी तक किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से मौत (no death due to oxygen shortage) की जानकारी नहीं दी है.
97 फीसदी डोज़ मुफ्त लगाईं : केंद्र
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार (Bharati Pawar) ने राज्यसभा में ये भी बताया कि 97 फीसदी डोज के लिए लोगों से कोई पैसा नहीं लिया गया है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 30 मार्च 2022 तक के आंकड़े पेश करते हुए जानकारी दी कि 18 साल और उससे ऊपर के 79.28 करोड़ (84.4 प्रतिशत) लोगों को अब तक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं. मार्च के आखिर तक लगाई गईं कुल डोज का 97 फीसदी यानी 167.14 करोड़ टीके लोगों को मुफ्त में लगाए गए हैं.
2.6 करोड़ ने नहीं ली एक भी डोज़ : केंद्र सरकार ने बताया कि 18 साल और उससे ऊपर के 2.8 फीसदी यानी 2.6 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने एक भी डोज नहीं ली है. 15 से 18 साल की उम्र के लोगों 7.4 करोड़ की योग्य आबादी में से 5.7 करोड़ यानी 77 फीसदी ने एक डोज लगवा ली है. इस उम्र सीमा के 3.77 करोड़ यानी 51 फीसदी लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं.
ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं : स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में बताया कि कोरोना से अब तक 5.21 लाख मौतों के बारे में राज्यों ने केंद्र को जानकारी दी है. 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जो कोरोना से मौतों के जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें से किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से होने की बात नहीं बताई गई है. मंत्री ने बताया कि कुछ राज्य अभी भी अपने आंकड़े सरकार के पोर्टल पर अपडेट कर रहे हैं.
4 लाख नहीं, 50 हजार का मुआवजा : कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने सवाल उठाया कि सरकार ने कोरोना से मौत के लिए 4 लाख रुपये मुआवजे का वादा किया है, लेकिन ये पैसा दिया क्यों नहीं जा रहा है. इस पर मंत्री ने कहा कि इस बारे में अलग से गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर आकलन के बाद सरकार ने आर्थिक सहायता की रकम तय की है, लेकिन ये 4 लाख रुपये नहीं है. उन्होंने बताया कि केंद्र, राज्य और जिला के स्तर पर 50 हजार रुपये की मदद दी जा रही है. एनडीएमए ने 50 हजार रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया है, न कि 4 लाख रुपये.
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