नई दिल्ली। अक्सर प्याज के दाम देखते ही देखते आसमान छूने लगते हैं। लेकिन चुनाव नजदीक देख सरकार ऐसा नहीं होने देना चाहती। इसलिए सरकार ने इस साल अपने बफर स्टॉक के लिए पांच लाख टन प्याज खरीदने की योजना बनाई है। इसका इस्तेमाल कीमतें बढ़ने की स्थिति में उन्हें काबू करने के लिए किया जा सकता है। इसी को लेकर सरकार ने किसानों से प्याज खरीदना शुरू कर दिया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने कीमतों में वृद्धि होने पर आपूर्ति बढ़ाने के लिए 2024-25 के लिए पांच लाख टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए बाजार दरों पर किसानों से प्याज खरीदना शुरू कर दिया है। यदि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो बफर सरकार को बाजारों में हस्तक्षेप करने की इजाजत देगा। खासकर तब जब सरकार ने पिछले सप्ताह प्याज निर्यात परसे प्रतिबंध हटाने का एलान कर दिया है।
गौरतलब है, देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया, लेकिन साथ न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 550 डॉलर प्रति टन तय किया है। इसके साथ ही प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क भी लगा दिया है। पिछले साल अगस्त में भारत ने 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सामान्य उपलब्धता, स्थिर कीमतों और सर्दियों की फसल से 1.91 लाख टन होने वाले मजबूत उत्पादन का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को मुक्त निर्यात के कारण प्याज की दरें बढ़ने की उम्मीद नहीं है। प्याज की आपूर्ति गर्मी के मौसम में कम हो जाती है। आपूर्ति में कमी के कारण कीमतों में उछाल के बीच सरकार ने दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।