उज्जैन। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग आयुष मंत्रालय भारत सरकार- (एनसीआईएसएम) ने कहा कि आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी मेडिकल कॉलेजों के तहत सत्र 2024-25 में स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री में काउंसलिंग में वे ही संस्थान शामिल होंगे जिन्हें एनसीआईएसएम के तहत मेडिकल असिसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड व एनसीआईएसएम नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त होगी। एडवायजरी का उज्जैन के शासकीय धनवंतरि आयुर्वेद कॉलेज को भी पालन करना होगा। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन तैयारियों में लगा हुआ है।
एग्जाम नहीं, अंडरटेकिंग लेंगे
एनसीआईएसएम ने एडवाइजरी में देशभर के आयुष डॉयरेक्टर्स, प्रिंसिपल्स, डीन तथा समस्त विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को पत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि न्यायालयीन अंतरिम आदेश के तहत आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेशित स्टूडेंट्स का भविष्य अंतिम निर्णय पर टिका रहेगा। छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति विश्वविद्यालय नहीं देगा। इसमें तर्क दिया गया है कि कोर्ट का अंतिम निर्णय स्टूडेंट्स व कॉलेज के विरुद्ध होता है तो स्टूडेंट्स का कॅरियर दांव पर लग सकता है। इन सीटों पर प्रवेश के समय भी स्टूडेंट्स व पैरेंट्स से एफीडेविट कम अंडरटेकिंग ली जाएगी। कॉलेजों को मान्यता पत्र, कोर्ट के प्रवेश संबंधी आदेश, कोर्ट के निर्णय, विवि के सहमति पत्र आदि की जानकारी अपडेट करनी होगी। इस संबंध में आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय ने कहा कि एनसीआईएसएम नईदिल्ली द्वारा आयुष मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश काउंसलिंग को लेकर पारदर्शिता है और छात्रों व संस्थानों को हिदायत देना उचित कदम है।
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