भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) नर्सिंग घोटाले (Nursing scandals) में हर रोज नया खुलासा हो रहा है. नर्सिंग कॉलेज घोटाले में दोषियों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा होता जा रहा है. अब प्रदेश के 14 ऐसे राजस्व अधिकारियों (Revenue Officers) के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई गई है, जिन्होंने नर्सिंग कॉलेजों की त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. मध्य प्रदेश शासन ने नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं की त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुतकर्ता राजस्व अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है.
प्रमुख सचिव राजस्व के अनुसार, मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन मध्य प्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के लिए एक टीम गठित की गई थी. संदर्भ में गठित निरीक्षणकर्ता दल के सदस्य के रूप में त्रुटिपूर्ण निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले 14 अधिकारियों के खिलाफ लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किए गए हैं.
इस मामले में त्रुटिपूर्ण निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले 14 राजस्व अधिकारी पल्लवी पौराणिक तत्कालीन तहसीलदार इंदौर, अंकिता यदुवंशी तत्कालीन नायब तहसीलदार विदिशा, ज्योति ढोके तत्कालीन नायब तहसीलदार जिला नर्मदापुरम, रानू माल नायब तहसीलदार अलीराजपुर, अनिल बघेल नायब तहसीलदार झाबुआ और सुभाष कुमार सुनेरे तत्कालीन नायब तहसीलदार देवास के नाम शामिल हैं.
इसके अलावा जगदीश बिलगावे नायब तहसीलदार जिला बुरहानपुर, यतीश शुक्ला नायब तहसीलदार रीवा, छवि पंत तत्कालीन नायब तहसीलदार छिंदवाड़ा, सतेन्द्र सिंह गुर्जर तत्कालीन नायब तहसीलदार जिला धार, रामलाल पगोर नायब तहसीलदार बुरहानपुर, जीतेन्द्र सोलंकी तत्कालीन नायब तहसीलदार झाबुआ के नाम त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने वालों में शामिल हैं.
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