नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (public sector companies) के विनिवेश की प्रक्रिया (disinvestment process) को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) (Bharat Petroleum Corporation Limited – BPCL) के निजीकरण की प्रक्रिया को रोक दिया है। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
दीपम के मुताबिक सरकार ने बीपीसीएल में अपनी समूची 53 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश को वापस ले लिया है। विभाग ने बताया कि रूस-यूक्रेन जंग और मौजूदा वैश्विक हालात के बीच अधिकांश पात्र इच्छुक पक्षों ने बीपीसीएल के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया में शामिल होने में असमर्थता जताई है। ऐसे में विनिवेश पर मंत्रियों के समूह ने बीपीसीएल में रणनीतिक विनिवेश के लिए रुचि पत्र प्रक्रिया को बंद करने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस साल के लिए 65 हजार करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग और ईंधन विपणन कंपनी बीपीसीएल के निजीकरण को लेकर कंपनियों ने खास रुचि नहीं दिखाई थी। सरकार ने बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी, जिसके लिए मार्च, 2020 में बोलीदाताओं से रुचि पत्र भी आमंत्रित किए गए थे। हालांकि, नवंबर, 2020 तक सिर्फ तीन बोलियां आई थीं, जिसमें दो बोलीदाता ईंधन की कीमत निर्धारण को लेकर चीजें स्पष्ट नहीं होने के कारण बोली से बाहर हो गए, जबकि केवल एक ही कंपनी बोली के लिए रह गई थी। (एजेंसी, हि.स.)
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