भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओलावृष्टि से निर्मित संकट में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों में सर्वे का कार्य आरंभ कर दिया गया है। एक सप्ताह में सर्वे कार्य पूर्ण कर किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई जाएगी। सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। सर्वे में कोई लापरवाही न हो, सर्वे ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ हो और प्रत्येक प्रभावित किसान को राहत मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी किसान का खेत सर्वे से न छूटे।
51 तहसीलों के 520 गांव प्रभावित
प्रदेश में ओलावृष्टि से 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में 38 हजार 900 कृषकों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल प्रभावित होने की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है। प्रदेश के 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मृत्यु हुई हैं। मौसम विभाग द्वारा 16 से 19 मार्च के दौरान प्रदेश के समस्त संभागों में ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने और वर्षा की चेतावनी जारी की गई थी। नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में 17 और 18 मार्च को वर्षा दर्ज की गई। मंडला, बालाघाट, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और शहडोल जिलों में 19 मार्च को वर्षा दर्ज की गई। कुल 20 जिलों में असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि की जानकारी प्राप्त हुई है।
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