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    सरकार ने कराया धंधा बंद, अब बिजली बिलों में भुगतना होगा Fix Charge

  • May 07, 2021

    • कोरोना कर्फ्यू में व्यापारियों पर दोहरी मार

    भोपाल। संक्रमण (Infection) की दोहरी मार इस बार भी मध्यमवर्गीय व्यापारियों (Middle class Merchants) पर पडऩे वाली है। बढ़ते संक्रमण (Infection) के कारण सरकार ने कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगा रखा है जिस वजह से मेडिकल इमरजेंसी सर्विस (Emergency Service) की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं। लेकिन इन व्यापारियों पर बिजली कंपनी (electricity company) के फिक्स चार्ज (Fix Charge) का मीटर पूरी तरह घूम रहा है। संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में पूरे मई कर्फ्यू (Curfew) जारी रह सकता है।
    ऐसी स्थिति में सरकार व्यापारियों से बंद कारोबार (Bussiness) में भी बिजली बिल में फिक्स चार्ज (Fix Charge) वसूल करेगी। 15 अप्रैल से बाजार बंद हैं। लेकिन अप्रैल के जो बिल (Bill) जारी होने वाले हैं उनमें बिजली कंपनी (Electricity Company) द्वारा फिक्स चार्ज (Fix Charge) लगाया जा रहा है। व्यापारी और व्यापारिक संगठन इस चार्ज को माफ करने के लिए मांग कर रहे हैं। लेकिन इसकी उम्मीद कम है क्योंकि, सरकार ने पिछले साल के लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान भी इस मांग की सुनवाई नहीं की थी।

    हर बिल पर कम से कम 1 हजार की होगी वसूली
    बिजली कंपनी द्वारा कॉमर्शियल कनेक्शनों में एक किलोवाट लोड पर महीने की 20 यूनिट बिजली की कीमत (अभी की दर से 10 रुपए प्रति यूनिट) फिक्स चार्ज के तौर पर बिल में वसूलती है। जानकारों के अनुसार कॉमर्शियल कनेक्शन 5 किलोवाट से कम का नहीं होता। ऐसी स्थिति में हर बिल में कम से कम एक हजार रुपए का फिक्स चार्ज जोड़ा जाएगा। जिसे अदा न करने पर जुर्माना भी लगेगा। इस तरह, जिनके पास जितना ज्यादा लोड स्वीकृत होगा। उस व्यापारी को उतना ज्यादा फिक्स चार्ज देना होगा। कोरोना कफ्र्यू के कारण 15 अप्रैल से शहर में अस्पताल और मेडिकल सर्विस से जुड़ी दुकानें ही खुल रही हैं। दूध व किराना स्टोर को सुबह थोड़ी देर के लिए अनुमति है और इनके यहां न ज्यादा बिजली की खपत होती है न ये ज्यादा लोड लेते हैं। लेकिन मॉल, कपड़ा, ज्वैलर्स, बर्तन, मोबाइल, बिजली स्टोर, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर एवं शोरूम और कई तरह के बड़े स्टोर ऐसे स्थान हैं। जहां बड़े लोड के साथ कनेक्शन लिए जाते हैं। उनका व्यापार भी बंद है और उन्हें बिजली कंपनी को फिक्स चार्ज भी बड़ी रकम में ही देना होगा।

    यह है नियम
    विद्युत अधिनियम 2003 में प्रावधान किया गया है कि यदि किसी भी व्यापार को शासकीय/प्रशासकीय आदेश के कारण बंद रखा जाता है तो उस स्थिति में व्यापारी से फिक्स चार्ज नहीं वसूला जा सकता। लेकिन सरकार इस नियम को मानने के लिए तैयार नहीं है पिछले साल करीब 75 दिनों के लॉकडाउन में भी सरकार ने ये चार्ज काफी विरोध के बाद वसूला।

    इनका कहना है
    इस बार हमने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार की नकारात्मक छवि न बने इसलिए व्यापारियों के बिलों में उनके अधिकार के तहत बंद अवधि का फिक्स चार्ज शून्य कर देना चाहिए।
    डॉ. प्रवीण अग्रवाल, सचिव, मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स

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