भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच द्वारा पुरानी पेंशन योजना पुन: बहाल करने तथा न्यू पेंशन योजना 2005 को वापस लेने की मांग को पोस्टकार्ड में लिखकर मुख्यमंत्री को भेजने का 7 सितंबर से शुरू किया गया। पोस्टकार्ड आंदोलन 18 दिन भी जारी रहा। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के आह्वान पर मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड पर मांग लिखकर अब तक 18 दिन में 10 हजार एनपीएस धारक कर्मचारी पोस्टकार्ड भेज चुके हैं। प्रदेश के समस्त जिलों, ब्लॉकों, पंचायतों से एन पी एस धारक कर्मचारी मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के समर्थन में पोस्टकार्ड लिख रहा है। पोस्टकार्ड आंदोलन का जोरदार समर्थन कर रहा है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मध्यप्रदेश में 4,42,141 कर्मचारी एनपीएस के दायरे में आ रहा है। सरकार ने 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों को एनपीएस के दायरे में लिया है उनके वेतन से प्रति माह 10 प्रतिशत राशि एनपीएस के नाम पर काटी जा रही है और 14 प्रतिशत राशि राज सरकार जमा कर रही है। लेकिन एनपीएस लागू करके सरकार ने प्रदेश के 4,42,141 कर्मचारियों का भविष्य निजी हाथों में सौंप दिया है। एनपीएस ने कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी तोड़ दी है।
प्रदेश के कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों को सरकार की न्यू पेंशन योजना 2005 बिल्कुल मंजूर नहीं है जो कर्मचारियों के पैसे को सट्टे में लगा रही है। राज्य सरकार तत्काल राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ सरकार का अनुसरण करते हुए मध्यप्रदेश में भी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों स्थाई कर्मियों के लिए न्यू पेंशन योजना 2005 के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय ले। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच पोस्टकार्ड आंदोलन निरंतर जारी रखेगा और प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों से आवान करता है कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री को अपना पोस्ट कार्ड 1 अक्टूबर तक जरूर भेज दें।
उसके बाद प्रदेश का समस्त संवर्ग का कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के समर्थन में 2 अक्टूबर को भोपाल सहित पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में सत्याग्रह कर गांधी जी की प्रतिमा को पुरानी पेंशन बहाली की मांग का ज्ञापन सौंपेगा और सरकार के समक्ष अपना पुरजोर विरोध दर्ज कराएगा।
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