चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Former Haryana Chief Minister and Leader of Opposition Bhupendra Singh Hooda) ने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार (State coalition government) किसानों से हाथ मिलाने की बजाय उनसे पंजा लड़ा रही है और किसानों से आंख मिलाने की बजाय सरकार उन्हें आंख दिखा रही है। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार हरियाणा की जनता को बहुत महंगी पड़ रही है। सरकार की नीतियां जनता को गरीबी और महंगाई की खाई में धकेल रही हैं। स्टांप ड्यूटी, किसानों की लागत और प्रदेश पर कर्ज में इजाफा हो रहा है। हर वर्ग सरकार से हताश और निराश है। ये सरकार जनता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को विपक्ष पर थोपना चाहती है,जबकि उसे आत्ममंथन करना चाहिए। सरकार को सोचना चाहिए कि दो साल पहले हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली पार्टी के नेता आज जनता के बीच क्यों नहीं जा पा रहे हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पहले से आंदोलनरत किसानों को सरकार अब मंडियों में परेशान कर रही है। रजिस्ट्रेशन, नमी, मिश्रण और मैसेज का बहाना बनाकर गेहूं की खरीद में देरी की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा गेहूं खरीद में मानक नमी की मात्रा को 14 से घटाकर 12 प्रतिशत और मानक मिश्रण की मात्रा को 0.75 से घटाकर 0.50 प्रतिशत करना किसान विरोधी फैसला है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। सरकार को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए। ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ वेबसाइट 16 लाख किसानों का ट्रैफिक नहीं झेल पा रही है। सर्वर डाउन होने की वजह से अब तक 8 लाख किसान ही रजिस्ट्रेशन करवा पाए हैं। बचे हुए 50 प्रतिशत किसान अपना गेहूं कैसे बेचेंगे।
हुड्डा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरी तरह विफल करार देते हुए कहा कि आरटीआई के मुताबिक बीमा कंपनियों ने किसानों के 75 फीसदी से अधिक दावों को खारिज कर दिया है। इस मामले में अगर राज्यवार आंकड़े देखें तो हरियाणा तीसरे नंबर पर आता है। यहां बीमा कंपनियों ने तीन साल में एक लाख 96 हजार 795 फसल बीमा दावों को खारिज कर दिया। (एजेंसी, हि.स.)
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