नई दिल्ली (New Delhi)। सरकार (Government) ने त्वरित कॉरपोरेट निकास प्रसंस्करण केंद्र (सी-पेस) (Expedited Corporate Exit Processing Center (C-PACE)) को स्थापित किया है। इससे कंपनियों की समापन प्रक्रिया (liquidation process of companies) को केंद्रीकृत करने, रजिस्ट्री को न्यायसंगत बनाने के साथ हितधारकों को अधिक सार्थक डेटा की उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इसके अलावा रजिस्ट्री पर अनावश्यक बोझ को कम करने में भी सहायता मिलेगी।
कारपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने त्वरित कॉर्पोरेट निकास प्रसंस्करण केंद्र (सी-पेस) की स्थापना की है। इससे कंपनियों का रिकॉर्ड समय पर और तय प्रक्रिया के तहत विपंजीकरण सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके साथ ही संबंधित लोगों को और सार्थक आंकड़ा भी उपलब्ध कराया जा सके।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत स्थापित सी-पेस से हितधारकों को समस्या मुक्त फाइलिंग, समय पर और प्रक्रिया-बद्ध तरीके से रजिस्टर से उनकी कंपनी के नाम हटाने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा रजिस्ट्री पर अनावश्यक बोझ को कम करने में भी सहायता मिलेगी। यह केंद्र मानेसर स्थित भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) में स्थित है, जो दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट कार्य (डीजीसीओए) के महानिदेशक के अंतर्गत कार्य करेगा।
एमसीए के मुताबिक अनुच्छेद 396 की उप-धारा (1) के तहत स्थापित सी-पेस संस्था का संचालन आवेदनों के प्रसंस्करण और निपटान के कार्यात्मक अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने के उद्देश्यों हेतु कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के माध्यम से किया जाएगा। सी-पेस कार्यालय का उद्घाटन एक मई को एमसीए के निदेशक आर. के. डालमिया ने किया। आईसीएलएस के हरिहर साहू को सी-पेस कार्यालय के पहले रजिस्ट्रार के तौर पर नियुक्त किया गया है।
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