नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान को दिल्ली स्थित बंगले से बेदखल करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक टीम भेजी गई है। वह अपने दिवंगत पिता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर आवंटित किए गए बंगले में अब भी रह रहे हैं और कई बार नोटिस जारी किए जाने के बाद भी उसे खाली नहीं किया है।
सूत्रों ने बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से टीम भेजे जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने पिछले साल चिराग पासवान को जारी बेदखली के आदेश को अमल में लाने के लिए अधिकारियों की टीम को भेजा है।
अधिकारियों ने कहा कि 12 जनपथ स्थित बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए निर्धारित है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है। यह घर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का आधिकारिक पता रहा है, जो अब पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच दो गुटों में विभाजित हो गई है। इसका उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था।
चिराग पासवान ने कहा था कि इस बंगले से उनके पिता की स्मृतियां जुड़ी रही हैं। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई है। अकेले चिराग पासवान ही अब लोजपा का हिस्सा हैं, जो लोकसभा के सांसद हैं। इसके अलावा पिता के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्हें करारा झटका लगा था। इस चुनाव में वह भाजपा से अलग होकर लड़े थे और एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाए थे।
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