-हिंदुस्तान जिंक में बची हुई 29.53 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited) में अपनी बची हुई 29.53 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इसके प्रबंधन के लिए पांच कंपनियों (Five companies selected) को चुना गया है। एक अधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दरअसल वित्त मंत्रालय के निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने जुलाई की शुरुआत में हिंदुस्तान जिंक की शेष बची हुई हिस्सेदारी बेचने के प्रबंधन के लिए मर्चेंट बैंकरों से बोलियां आमंत्रित की थीं। इसी के तहत इन 5 कंपनियों में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट, एचडीएफसी बैंक और आईआईएफएल सिक्योरिटीज निवेश बैंकर का चुनाव किया गया है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में भारत सरकार की 29.53 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए करीब 6 मर्चेंट बैंकरों ने बिक्री के प्रबंधन की पेशकश की थी। इनमें से पांच कंपनियों को इसके लिए चुना गया है। ये कंपनियां मुख्य रूप से सरकार के साथ शेयर बिक्री प्रस्तावों का प्रबंधन करेंगे। चयनित मर्चेंट बैंकर विनिवेश के समय पर सरकार की सहायता करने के साथ निवेशकों की प्रतिक्रिया प्राप्त करेंगे। साथ ही नियामकों से मंजूरी प्राप्त करने के अलावा निवेशकों के साथ प्रचार-प्रसार के लिए बैठक भी आयोजित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीई) ने मई में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में सरकार की पूरी 29.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी थी। इस विनिवेश से सरकार को करीब 38 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, जो खनन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में था। इसका निजलकरण वर्ष 2002 में कर दिया गया था। फिलहाल वेदांता लिमिटेड की एचजेडएल की इसमें 64.92 फीसदी और सरकार की 29.53 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि मात्र 5.5 फीसदी हिस्सेदारी खुदरा निवेशकों के पास है। (एजेंसी, हि.स.)
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