नई दिल्ली: इस साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) 2024 होने वाले हैं. इससे पहले केंद्र सरकार (Central government) संसोधित नागरिकता कानून (amended citizenship law) को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है. सीएए से जुड़े नियमों के बारे में सरकार आम चुनाव (General election) से पहले नोटिफाई (Notify) कर देगी. सरकार ने बयान जारी करके इस बात की जानकारी दी.
अपने बयान में सरकार ने कहा, “सीएए के नियम लोकसभा चुनाव से बहुत पहले अधिसूचित कर दिए जाएंगे. साथ ही सरकार जल्दी ही इससे जुड़ी नियमावली भी जारी करेगी. एक बार नियम जारी होने के बाद, कानून को लागू किया जा सकेगा. सीएए लागू होने के बाद नियमों के तहत पात्र लोगों को भारत की नागरिकता भी दी जा सकेगा.”
इन लोगों को मिल सकेगी नागरिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से लाए गए सीएए कानून के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए प्रताड़ित गैर मुस्लिम (हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी. संसद ने साल 2019 में इस विधेयक को मंजूदी दी थी और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले थे.
क्या है सीएए?
ये कानून 2019 में संसद से पास हुआ था. इसके तहत भारतीय नागरिकता की परिभाषा तय की गई. जिसकी कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2014 तय हुई. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक पात्र होंगे. इस पूरे मामले पर न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि कानून में चार साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है. नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है.
ऑनलाइन होगी पूरी प्रकिया
इस कानून से भारत के नागरिकों का कोई लेना देना नहीं है. भारत से बाहर के प्रताड़ित अल्पसंख्यक ऑनलाइन आवेदन करके नागरिकता ले सकेंगे. आवेदकों को बताना होगा कि वो भारत कब आए. पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज नहीं होने पर भी आवेदन करना होगा. गृह मंत्रालय इसकी जांच करेगा और इसके बाद नागरिकता जारी कर दी जाएगी. सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इन तीन देशों से आए विस्थापितों को किसी भी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.
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